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Why does the risk of panic attack increase in winter Learn how to recognize and what is treatment | क्यों ठंड के मौसम में बढ़ जाता है पैनिक अटैक का खतरा? जानें इसके लक्षण और इलाज

Health Tips: पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी की समस्या से लोग तेजी से चपेटे में आ रहे हैं. इस बीमारी को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. आज हम आपको इसके लक्षण और उपाए बताएंगे-

क्यों ठंड के मौसम में बढ़ जाता है पैनिक अटैक का खतरा? जानें इसके लक्षण और इलाज

क्या होता है पैनिक अटैक?

पैनिक अटैक ( panic attack)या फिर एनजाइटी (Anxiety Attack) आजकल के युवाओं में तेजी से देखी जाने वाली एक बीमारी है. ये बीमारी सुनने में जितनी नार्मल लगती है, उतनी असल में होती नहीं है. दरअसल ये एक प्रकार का मनोरोग होता है. पैनिक अटैक में व्यक्ति ज्ञात या फिर अज्ञात कारणों से अचानक डर जाता है और मन ही मन उस चीज या बात तो चिंतित हो उठता है. आपको बता दें कि जब इंसान बहुत ही नकारात्मकता (negativity) को मन में बैठा लेता है तो उसको पैनिक अटैक (भय का दौरा) या फिर तनावजनित अटैक से ग्रसित हो जाता है . पैनिक अटैक अक्सर जीवन के कुछ बुरे अनुभवों के कारण भी होता है.

क्या है पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी और फोबिया?

फोबिया में व्यक्ति को कुछ खास चीजों से डर लगता है. हालांकि फोबिया का किसी प्रकार का कोई भी  तार्किक आधार नहीं होता है.जब कई रिपोट्स की मानें तो फोबिया में पैनिक अटैक के लक्षण दिख सकते हैं. पैनिक अटैक अचानक बने हालात से भी हो सकता है

क्या होता हैं पैनिक अटैक का कारण

शारीरिक कारण

कई बार हमारे शरीर के कुछ रोग  भी पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी का कारण बन जाते  हैं. हेल्थ रिपोर्ट्स की मानें तो हार्ट अटैक या हृदय रोगों से जुड़ी समस्याएं और कैंसर आदि  के मरीजों में भी ये समस्या हो सकती है.

मानसिक कारण

पैनिक अटैका मुख्य कारण मानसिक परेशानी ही होता है. कई बार परिवारिक, निजी आदि समस्याओं से जब व्यक्ति ग्रस्ति हो जाता है और वह अपने मन की बात किसी से शेयर नहीं कर पाता है तो फिर पैनिक अटैक का कारण बन सकते हैं.  जिन लोगों को छोटी-छोटी बातों पर बेचैनी करती हैं, उनमें भी यह खतरा बढ़ जाता है.

जानें पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी के लक्षणों को

-अचानक दिल की धड़कन बढ़ना
-घबराहट होना
-सांस लेने में तकलीफ होना
-बीपी बढ़ना
-पसीना आना व शरीर में कंपन होना
-सिर दर्द और बदन दर्द
-शरीर में ठंडी या गर्म लहर महसूस होना
-चक्कर आना
-उल्टी, गैस या एसिडिटी पैदा होना

ऐसे कर सकते हैं बचाव

1- हर एक चीज को लेकर सकारात्मक सोच रखें, जहां तक संभव हो, टेंशन से दूर रहें.

2- सामाजिक रूप से सक्रिय रहें, दूसरों से मेल जोल रखें.

3- आपका खान पान भी इस पर निर्भर करता है. ऐसे में संतुलित और स्वास्थ्यकर आहार ग्रहण करें. जंक फूड से दूरी रखें.

4-नियमित व्यायाम जरूर करें. इतना ही नहीं योगासन और प्राणायाम से पैरासिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम सशक्त होता है. ऐसे में शांत मन से योग करें.

5-  रोज मेडिटेशन करें, अगर आप नियमित रूप से ध्यान करते हैं तो तनावमुक्त रहने में आपकी मदद मिलती है.

6- अगर आपको घबराहट, बैचैनी, चक्कर आना इस तरह की चाजें फील हों तो  डॉक्टर से परामर्श करें. अगर किसी कारण भयग्रस्त या असहज महसूस कर रहे हैं, तो मनोरोग विशेषज्ञ या फिर डॉक्टर से परामर्श लें.

ठंड का मौसम और पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी

पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी डिप्रेशन का भी कारण हो सकता है. कहा जाता है कि सर्दियों में  इसकी क्षमता बढ़ जाती है. सर्दियों में इसके होने कारण ये होता है कि शारीरिक एक्टीविटी कम होती है, देर तक सोते रहते हैं, जिस कारण से पूरी दिन चर्चा खराब होने से ठंड में इसका खतरा बढ़ता है.

जब हो जाए पैनिक अटैक या फिर एनजाइटी

अगर आपके किसी करीब  व्यक्ति को पैनिक अटैक आए है, तो उसे सांत्वना दें , उनको अपने होने का अहसास दिलाएं. उस व्यक्ति को अच्छे से सांस लेमे को कहें और धीरे धीरे पानी पिलाते रहें. इस व्यक्ति को शांत रहने में मदद करें और हाथ पैर मलें. इसके अलावा नींबू की शिकंजी, कॉफी या ओआरएस लेना बेहतर रहता है.

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Written by rannlabadmin

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