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UP Assembly Election: क्या हिंदू VS मुसलमान पर फोकस हो चुका यूपी चुनाव, जानिए क्यों उठ रहे ये सवाल

नफरती लाउडस्पीकर बजाने वालों को लेकर एक्शन होने लगा है. लोनी से बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है. लेकिन सवाल है कि अचानक चुनावों से पहले इतने सारे हेट स्पीच वाले बयान सामने क्यों आने लगे हैं.

UP Assembly Election: क्या हिंदू VS मुसलमान पर फोकस हो चुका यूपी चुनाव, जानिए क्यों उठ रहे ये सवाल

क्या हिंदू VS मुसलमान पर फोकस हो चुका यूपी चुनाव

यूपी चुनाव (UP Assembly Election) को लेकर आज दूसरे दिन दिल्ली में बीजेपी कोर ग्रुप की मीटिंग हुई. 5 घंटे चली इस बैठक में काशी और गोरखपुर समेत सभी सीटों पर चर्चा हुई. इस मीटिंग में केंद्रीय मंत्री और यूपी के बीजेपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. बताया जाता है कि यूपी कि जिन 231 सीटों पर अभी टिकट बंटवारा नहीं हुआ उसको लेकर भी डिटेल बातचीत हुई.

इन सबके बीच यूपी के चुनाव में नफरत का लाउड स्पीकर भी जोर शोर से बजने लगा है. ताजी हेट स्पीच तौकीर रजा खान की सामने आई है जिन्होंने एक दिन पहले ही कांग्रेस से हाथ मिलाया है.

इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष तौकीर रजा खान ने कहा जिस दिन मेरा नौजवान मेरे कंट्रोल से बाहर आ गया, जिस दिन मेरा कंट्रोल इन नौजवानों से खत्म हो गया. मैं कहता हूं कि पहले मैं लड़ूंगा बाद में तुम्हारा नंबर आएगा. मैं हिंदू भाइयों से खासतौर से कहना चाहता हूं कि मुझे उस वक्त से डर लगता है जिस दिन नौजवान कानून अपने हाथ में ले लेगा. जिस दिन ये नौजवान बेकाबू हो गया और कानून अपने हाथ में लेने को मजबूर हो गया तो तुम्हें हिंदुस्तान में कहीं पनाह नहीं मिलेगी… हिंदुस्तान का नक्शा बदल जाएगा. हम तो पैदाइशी लड़ाके हैं.

एक दिन पहले इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने कांग्रेस को सपोर्ट करने का ऐलान किया और आज उनकी नई हेट स्पीच सामने आ गई. 59 सेकंड के इस वीडियो को बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने शेयर किया और कहा कि हिंदुओं को धमकी देने वाले इस मौलाना की पार्टी ने कांग्रेस से समझौता किया है.

संबित पात्रा ने साधा निशाना

इससे कुछ ही देर पहले पहले यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से तौकीर रजा और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की तस्वीर शेयर की गई. इसमें कांग्रेस को समर्थन देने को लेकर उनके नाम के कसीदे गढ़े थे. संबित पात्रा ने इसी ट्वीट को रिट्वीट करते एक तीर से दो निशाना साधा. प्रियंका गांधी पर तंज कसा और समाजवादी पार्टी को ये कहते हुए घेरा कि हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने वालों और दंगा कराने वालों को समाजवादी पार्टी टिकट देती रही है.

हालांकि यूपी चुनाव में हिंदू मुस्लिम के नाम पर वोट पर चोट करने वालों और नफरत के लाउड स्पीकर बजाने वालों की तादात काफी है. हैदराबादी नेता असदुद्दीन ओवैसी भी अपने बयानों के जरिए मुसलमानों को उकसाते और भड़का रहे हैं. दूसरी तरफ खुद सीएम योगी हैं जो ओवैसी जैसे हेट स्पीच देने वालों से कड़ा मोर्चा ले रहे हैं. कुल मिलाकर यूपी चुनाव में नफरत की नूराकुश्ती चल रही है और इन सबके बीच आम आदमी के मुद्दे गायब हो रहे हैं.

नफरती लाउडस्पीकर बजाने वालों को लेकर एक्शन

नफरती लाउडस्पीकर बजाने वालों को लेकर एक्शन होने लगा है. लोनी से बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है. लेकिन सवाल है कि अचानक चुनावों से पहले इतने सारे हेट स्पीच वाले बयान सामने क्यों आने लगे हैं. क्या यूपी चुनाव अब चुनाव हिंदू VS मुसलमान पर फोकस हो चुका है.

इस सबके बीच आज एक और मुस्लिम नेता का वीडियो वायरल हो रहा है..कांग्रेस छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए इमरान मसूद ने अखिलेश यादव पर अपमान का आरोप लगाया है. इमरान मसूद ने कहा कि अखिलेश ने उन्हें बातचीत के लिए दो बार लखनऊ बुलाया लेकिन मुलाकात नहीं की. तीसरी बार भी बुलाया लेकिन उससे पहले ही सहारनपुर से अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए. बेहट और नकुड़ से टिकट तय कर दिए गए. अब इसी सबके बीच ऐसी चर्चा है कि इमरान मसूद बीएसपी का दामन थाम सकते हैं. हालांकि इस सबके बीच आज इमरान मसूद का एक और वीडियो सुर्खियों में है. इसमें वो अपने सपोर्टर्स से कहते हैं कि सारे मुसलमान एक हो जाएं.तो फिर उन्हें किसी के पैर पकड़ने की जरूरत नहीं है.

अब आपको बताते हैं कि अचानक से हेट स्पीच को लेकर मौलाना से लेकर नेता तक एक्टिव क्यों हो चुके है. असल में ये बात किसी से छिपी नहीं है कि यूपी में मुसलमान…एक बहुत बड़ा वोट बैंक है…19 परसेंट वोटर हैं…मुसलमानों के एक मुश्त वोट पड़ते हैं…इसीलिए सारी पार्टियां इन्हें रिझाने की कोशिश करती हैं..और ये बात सियासी दलों की पहली लिस्ट में भी साफ दिखाई देती है. बीजेपी को छोड़कर पहली लिस्ट में कांग्रेस समाजवादी पार्टी और बीएसपी सभी ने मुस्लिम कैंडिडेट्स को ठीक ठाक सीटें दी हैं.

कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 125 उम्मीदवारों का ऐलान किया था. इसमें से 19 मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट दिया. समाजवादी पार्टी और आरएलडी ने मिलकर 29 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं. इसमें से नौ कैंडिडेट मुस्लिम हैं जबकि बीजेपी ने 53 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में से 14 मुसलमानों को टिकट दिया है. आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि यूपी के इन सियासी दलों में मुस्लिम वोटों को लेकर किस तरह होड़ लगी है.

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Written by rannlabadmin

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