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Up assembly election 2022 chandrashekhar azad to contest from gorakhpur seat against cm yogi adityanath akhilesh yadab mayawati | चंद्रशेखर आजाद गोरखपुर सीट से ठोंकेगे ताल, क्या माया-अखिलेश का होगा नुकसान या योगी को मिलेगी कड़ी टक्कर

यूपी चुनाव के लिए हर पार्टी सियासी दांवपेच आजमा रही है. कल तक अखिलेश के साथ अलायंस की बात करने वाले चंद्रशेखर आजाद ने अब नया दांव चला है. दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.

चंद्रशेखर आजाद गोरखपुर सीट से ठोंकेगे ताल, क्या माया-अखिलेश का  होगा नुकसान या योगी को  मिलेगी कड़ी टक्कर

आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर आजाद (File Photo)

यूपी चुनाव को लेकर आज सबसे बड़ी ब्रेकिंग न्यूज समाजवादी पार्टी के ऑफिस से रिलीज़ हुई. सुबह तक जिस बात के कयास लगाए जा रहे थे उसे शाम होते होते पार्टी ने कन्फर्म कर दिया. खबर आई कि अखिलेश यादव पहली बार यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. समाजवादी पार्टी के मुखिया मैनपुरी की करहल सीट से चुनावी ताल ठोकेंगे. लेकिन अचानक अखिलेश ने अपने लिए सेफ सीट क्यों चुनी. यूपी के सियासी दंगल में योगी गोरखपुर और अखिलेश यादव बेल्ट में क्यों चले. ये इस रिपोर्ट से समझते हैं.

यूपी चुनाव के लिए हर पार्टी सियासी दांवपेच आजमा रही है. कल तक अखिलेश के साथ अलायंस की बात करने वाले चंद्रशेखर आजाद ने अब नया दांव चला है. दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. गोरखपुर सदर सीट से टक्कर देंगे. लेकिन चंद्रशेखर ने गोरखपुर से चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया. क्या चंद्रशेखर को योगी के खिलाफ विरोधी दलों ने प्लांट किया गया है. जबसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान हुआ, तभी से विपक्षी खेमे में इस बात को लेकर चिंता थी कि आखिर सीएम योगी के सामनेकौन सा कैंडिडेट खड़ा किया जाए. किसे उतारा जाए. तो क्या ये तलाश चंद्रशेखर आजाद के नाम पर खत्म हुई है.

चंद्रशेखर आजाद को योगी के सामने खड़ा करना कोई मास्टर स्ट्रोक?

क्या यूपी में चंद्रशेखर आजाद को योगी के सामने खड़ा करना कोई मास्टर स्ट्रोक है. या फिर गोरखपुर में लड़ाई से पहले ही महाराज जी को वॉकओवर दे दिया. इस सवालों का जवाब आपको दें. उससे पहले इस चिट्ठी पर गौर कीजिए. आज दलित नेता चंद्रशेखर आजाद की तरफ की पार्टी की तरफ से दो लाइन की चिट्ठी जारी की गई.चिट्ठी में लिखा था गोरखपुर सदर से चंद्रशेखर आजाद चुनाव लडेंगे. यानी गोरखपुर में सबसे नया गदर. अब योगी के मुकाबले चंद्रशेखर.

ये वही चंद्रशेखर आजाद हैं जो चार दिन पहले तक यूपी में अखिलेश के साथ सीटों को लेकर मोल भाव कर रहे थे. योगी को हराने के लिए अखिलेश के साथ अलायंस की बात कर रहे थे और ये सबकुछ ओपन था. कुछ सीक्रेट नहीं था. लेकिन जब बात नहीं बनी ..अखिलेश ने दो सीटों पर लड़ने का ऑफर दिया तो चंद्रशेखर ने अलग लाइन पकड़ ली. गोरखपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. सवाल है चंद्रशेखर के गोरखपुर चुनाव लड़ने से किसका फायदा होगा ? चंद्रशेखर..योगी के सामने होंगे तो किसके वोट कटेंगे ? क्या माया-अखिलेश का नुकसान होगा या योगी को कड़ी टक्कर मिलेगी ? ये जानने के लिए गोरखपुर सदर सीट की कास्ट इक्वेशन समझनी होगी यहां

निषाद वोटर – 40 हजार , बनिया- 20-25 हजार , ब्राह्मण – 30 हजार से ज्यादा , राजपूत – 30 हजार , दलित वोटर – 30 हजार , मुस्लिम वोटर – 25 हजार है. इसके अलावा बंगाली समुदाय के वोट भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं. माना जाता है कि मल्लाह, ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ और बनिया समेत आधे से अधिक संख्या में दलितों का वोट मठ की आज्ञा के अनुसार ही वोट करता है.

अब गोरखपुर का गणित तो साफ तौर पर कहता है कि बीजेपी को किसी तरह का कोई खतरा नहीं. सवर्ण के साथ निषाद कुर्मी साथ हैं. अगर ये मान भी लें कि कुछ ब्राह्मण नाराज भी है. तो भी दूसरा जातियों की बदौलत योगी की जीत क्लियर दिख रही है. तो फिर चंद्रशेखर आजाद किसके वोट काटेंगे.

अब आजाद समाजवादी पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे हैं. लेकिन क्या ये नाराजगी वोटों में तब्दील होगी.  ऐसा मुश्किल लगता है कि क्योंकि चंद्रशेखर आजाद अगर चुनाव ल़ड़े तो फिर इस बात की सबसे ज्यादा संभावना है कि वो दलित वोटर्स में सेंध लगा सकते हैं. यानी मायावती के वोट बैंक को डेंट पहुंचा सकते हैं. आज की स्थिति में मुस्लिम और यादव मतदाता के साथ मौर्य समाज के वोट उन्हें मिलना मुश्किल दिखाई देते हैं.

हालांकि इस डेवलपमेंट को लेकर चंद्रशेखर के गोरखपुर से चुनाव लड़ने को लेकर समाजवादी पार्टी की तरफ से सधा हुआ बयान आया. पार्टी ने फिलहाल कोई कैंडिडेट नहीं तय किया है लेकिन अखिलेश ने इतना जरूर कहा कि गोरखपुर में क्या रणनीति रहेगी इसपर मंथन जारी है.फाइनल फैसला नहीं हुआ.

बीजेपी भी समाजवादी पार्टी को लेकर हमलावर

इधर बीजेपी भी समाजवादी पार्टी को लेकर हमलावर है. अखिलेश के चुनाव लड़ने को लेकर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी अब समाप्त पार्टी बनती जा रही है. सियासी पलटवार अपनी जगह हैं..लेकिन इतना जरूर है कि चुनाव परिणाम चाहे जो हो मगर गोरखपुर की सीट पर चंद्रशेखर ने चुनाव लड़ने का ऐलान करके सियासी तापमान जरूर बढ़ा दिया है.

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Written by rannlabadmin

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