सिख समुदाय के नेताओं ने 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में घोषित करने और इसे सार्वजनिक अवकाश बनाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया. समुदाय ने भारत विरोधी गतिविधियों का प्रचार करने वाले मुट्ठी भर खालिस्तानियों का सामना नहीं करने का फैसला भी किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो: PTI)
यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में सिख समुदाय ने भारत विरोधी अपने अभियान के खिलाफ पीछे हटना शुरू कर दिया है. इस अभियान का नेतृत्व खालिस्तानियों (Khalistani) द्वारा किया जा रहा है. इसने पिछले कुछ महीनों में यूके में कई विरोध मार्च आयोजित किए हैं. हालांकि रविवार को सिख समुदाय (Sikh Community) के नेता, साउथहॉल के पार्क एवेन्यू (Park Avenue) में स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में एकत्रित हुए.
उन्होंने समुदाय के लिए कई कार्य करने और गलतफहमियों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी सरकार को धन्यवाद देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. सिख समुदाय के नेताओं ने 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में घोषित करने और इसे सार्वजनिक अवकाश बनाने के लिए भी पीएम मोदी को धन्यवाद दिया. प्रस्ताव के पारित होने को यूके में स्थानीय समुदाय द्वारा एक साहसिक कदम के रूप में देखा जा रहा है.
सिख समुदाय ने भारत विरोधी गतिविधियों का प्रचार करने वाले मुट्ठी भर खालिस्तानियों का सामना नहीं करने का फैसला भी किया है. गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) की 365वीं जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि 2022 से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ (Veer Baal Diwas) के रूप में मनाया जाएगा. यह गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की बहादुरी और शहादत को श्रद्धांजलि होगी. उन्होंने सिख गुरुओं द्वारा किए गए योगदान की सराहना भी की थी.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर की थी घोषणा
पीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के प्रकाश पर्व के मौके पर मुझे ये बताकर बहुत खुशी हो रही है कि अब दिसंबर की 26 तारीख को भारत ‘वीर बाल दिवस’ मनाएगा. ये गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबजादों को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी.’ उन्होंने कहा, ‘वीर बाल दिवस वही दिन है, जिस दिन साहिबजादे जोरावर सिंह, साहिबजादे फतेह सिंह इस देश के लिए कुर्बान हो गए थे और उन्हें दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था. इन दो महान विभूतियों ने किसी और धर्म को चुनने के बजाय मौत को चुना था.’
पीएम ने पिछले साल दिसंबर में गुजरात के गुरुद्वारा लखपत साहिब में गुरुपर्व समारोह को संबोधित करते हुए कहा था, ‘गुरु तेग बहादुर की वीरता और औरंगजेब के खिलाफ उनका बलिदान हमें सिखाता है कि देश कैसे आतंकवाद और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ लड़ता है. इसी तरह दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह साहिब का जीवन भी हर कदम पर तप और त्याग का जीता जागता उदाहरण है.’ उन्होंने कठिन कोरोना समय के दौरान गुरुद्वारों द्वारा किए गए योगदान की भी प्रशंसा की.
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