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Traders body CAIT says more than 50 percent of business fell in the last 15 days across the country due to corona | कोरोना की तीसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर पड़ा रहा असर, CAIT ने कहा- देशभर में पिछले 15 दिनों में 50 फीसदी से ज्यादा व्यापार गिरा

देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अलग-अलग राज्यों में लगाए गए प्रतिबंधों का सीधा असर व्यापार और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा है. जिसके चलते पिछले 15 दिनों के व्यापार में औसतन 50 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है.

कोरोना की तीसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर पड़ा रहा असर, CAIT ने कहा- देशभर में पिछले 15 दिनों में 50 फीसदी से ज्यादा व्यापार गिरा

देशभर में पिछले 15 दिनों में 50 फीसदी से ज्यादा व्यापार गिरा: CAIT

देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अलग-अलग राज्यों में कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए है, जिसका सीधा असर व्यापार और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा है. जिसके चलते देशभर में अलग-अलग सामानों के व्यापार में पिछले 15 दिनों में औसतन 50 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है. देश में कुल रिटेल व्यापार (Retail business)लगभग 150 लाख करोड़ रुपये का होता है. यह बताते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि, कोरोना से बचाव के लिए हर संभव कदम उठाये जाएं, इस पर कोई दो राय नहीं हो सकती है लेकिन प्रतिबंधों के साथ व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियां भी सुचारू रूप से चलते रहें. इसको ध्यान में रखकर और देशभर के व्यापारी संगठनों के साथ राय-मशवरा करते हुए ही अगर कोरोना से संबंधित कदम उठाये जाएं तो ज्यादा ठीक होगा.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि, दिल्ली में ऑड-ईवन जैसे कदम एक निरर्थक प्रयास साबित हुए है. जिसने सुचारू व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन को प्रतिबंधित कर दिया है. इस तरह के प्रतिबंधों के साथ साप्ताहिक लॉकडाउन ने व्यावसायिक गतिविधियों को या तो केवल दो दिन या एक सप्ताह में तीन दिनों के लिए के लिए ही व्यापार करने के लिए छोड़ा है. जिससे व्यावसायिक गतिविधियां भी काफी हद तक कम हो गई हैं.

व्यावसायिक गतिविधियां काफी कम हुई

धीरे-धीरे दिल्ली का व्यापार दूसरे राज्यों में ट्रांसफर हो रहा है. दरअसल दूसरे राज्यों से लगभग 5 लाख व्यापारी हर दिन अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दिल्ली आते थे लेकिन कोविड प्रतिबंधों के कारण अब उन्होंने दिल्ली आना बंद कर दिया है. वहीं दूसरे राज्यों से अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं, इससे दिल्ली के व्यापार पर पड़ने वाला प्रभाव आने वाले समय में दिखेगा.

‘व्यापार बुरी तरह से अस्त व्यस्त’

भरतिया और खंडेलवाल के मुताबिक, कोरोना के अलग-अलग तरह के प्रतिबंधों के चलते देश भर में पिछले 15 दिनों के व्यापार में औसतन 50 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है. शहर से बाहर का आने वाला खरीदार अपने शहर से बाहर नहीं निकल रहा है, जबकि रिटेल की खरीदारी करने के लिए उपभोक्ता भी जरूरत पड़ने पर ही सामान खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं. इस दोहरी मार से देश का व्यापार बुरी तरह से अस्त व्यस्त होना शुरू हो गया है, जिस पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को ध्यान देने की जरूरत है.

कोरोना पाबंदियों का व्यापार पर असर

भरतिया एवं खंडेलवाल ने बताया कि, कैट के रिसर्च संगठन कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने 1 जनवरी से 15 जनवरी तक देश के अलग-अलग राज्यों के 36 शहर जिन्हें कैट ने वितरण केंद्र का दर्जा दिया है, उनमें कोरोना के बढ़ते मामलों और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों का व्यापार पर क्या असर पड़ा है, इसपर एक सर्वे किया गया. जिससे यह पता लगा है कि बीते दो हफ्ते में देश के घरेलू व्यापार में लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा की औसतन गिरावट आई है.

इस गिरावट का मुख्य कारण कोरोना की तीसरी लहर से लोगों में घबराहट, पड़ोसी शहरों से वितरण केंद्र पर सामान खरीदने न आना, व्यापारियों के पास पैसे की तंगी, उधार में बड़ी रकमों का फंसना और इसके साथ ही बिना व्यापारियों से सलाह के बेतरतीब तरीके से कोविड प्रतिबंध लगाना भी शामिल हैं.

किस सेक्टर में कितना नुकसान

भरतिया और खंडेलवाल ने बताया की मौटे तौर पर एफएमसीजी में 35 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स में 50 प्रतिशत मोबाइल में 50 प्रतिशत , दैनिक उपभोग की वस्तुओं में 35 फीसदी, फुटवियर में 60 फीसदी, ज्वेलरी में 35 प्रतिशत, खिलौनों में 65 प्रतिशत, गिफ्ट आइटम्स में 70 फीसदी, बिल्डर हार्डवेयर में 50 फीसदी, सैनेटरीवेयर में 50 फीसदी, परिधान और कपड़े में 40 प्रतिशत, कॉस्मेटिक्स में 30 प्रतिशत, फर्नीचर में 50 प्रतिशत, फर्निशिंग फैब्रिक्स में 50 फीसदी, इलेक्ट्रिकल सामान में 40 फीसदी, सूटकेस और लगेज में 50 प्रतिशत, खाद्यान्न में 30 फीसदी, रसोई उपकरणों में 45 फीसदी, घड़ियों में 40 प्रतिशत, कंप्यूटर और कंप्यूटर के सामान में 35 फीसदी, कागज एवं स्टेशनरी में 40 प्रतिशत के व्यापार की अनुमानित गिरावट है.

शादी के सीजन में व्यापार में आएगी गिरावट

भरतिया और खंडेलवाल ने यह भी बताया कि, शादियों के सीजन का व्यापार जो मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी से शुरू हो गया हैं और जिसमें आगामी ढाई महीने में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान था, उसमें अलग-अलग सरकारों द्वारा शामिल होने वाले लोगों पर लगाए गए प्रतिबंधों से इस व्यापार में काफी गिरावट आई है.

अब यह अनुमान है कि व्यापार के इस वर्टिकल में आगामी ढाई महीने में लगभग 1 .25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार ही होने की संभावना है, यानी अकेले इसी सेक्टर में 2.5 लाख करोड़ के नुकसान का अनुमान है.

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Written by rannlabadmin

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