कांग्रेस के बरक्स एक तीसरा मोर्चा भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ जिस संघीय मोर्चे की तैयारी की थी वहीं मोर्चा लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति चुनाव में ताकत आजमाना चाहता है। कांग्रेस से बुरी तरह से नाराज हुए बैठे अखिलेश यादव इस मोर्चे को हवा दे रहे हैं। हैरानी नहीं होगी अगर ममता बनर्जी भी इस मोर्चे में शामिल हो जाएं। ऐसा होता है तो कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिलेगी। राष्ट्रपति के चुनाव में दूसरे स्थान के लिए भी उसकी लड़ाई मुश्किल हो सकती है।
बहरहाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के पिछले कुछ महीनों में दिल्ली के जितने दौरे हुए हैं वो सारे दौरे इसी सिलसिले में हैं। इस बार वे दिल्ली आए तो ज्यादा ठोस पहल हुई है। वे शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले और उसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनकी मुलाकात की। बहाना था दिल्ली के स्कूल और अस्पताल देखने का। लेकिन दोनों के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा हुई। ममता बनर्जी से इस बारे में चंद्रशेखर राव की पहले बात हो चुकी है। अगर ये चार पार्टियां भी साथ आती हैं तो मोर्चे का आकार बड़ा हो जाएगा। इन चार पार्टियों के पास छह सौ के करीब विधायक और 50 से ज्यादा सांसद हैं। कांग्रेस का पहला प्रयास इस मोर्चे को रोकने या इनके साथ साझा उम्मीदवार पर सहमति बनाने की होनी चाहिए। कांग्रेस के लिए यह काम प्रशांत किशोर कर सकते थे लेकिन पार्टी के छुटभैया नेताओं ने पीके को पहले ही दूर कर दिया।
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