कोपेनहेगन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन रूस और यूक्रेन की जंग समाप्त करने की अपील की। जर्मनी की यात्रा समाप्त कर डेनमार्क पहुंचे मोदी ने प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन से मुलाकात की और दोपक्षीय वार्ता के बाद साझा प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध समाप्त होना चाहिए। उन्होंने दोनों देशों से बातचीत के जरिए आपसी विवाद सुलझाने की सलाह दी। इससे पहले जर्मनी में प्रधानमंत्री मोदी ने शांति की अपील करते हुए कहा कि युद्ध में कोई विजयी नहीं होगा।
बहरहाल, जर्मनी की यात्रा पूरी करके प्रधानमंत्री मोदी अपनी तीन दिन की यूरोप यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को डेनमार्क पहुंचे। कोपेनहेगन हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने उनका स्वागत किया। इसके बाद दोनों के बीच दोपक्षीय संबंधों को लेकर प्रतिनिधि स्तर की बैठक हुई, जिसमें कई क्षेत्रों में हरित रणनीतिक साझीदारी बढ़ाने और दूसरे दोपक्षीय संबंधों पर विचार विमर्श किया गया। इससे पहले जर्मनी में भी भारत ने हरित ऊर्जा को लेकर एक संधि पर दस्तखत किए।
दोपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने कौशल विकास, जलवायु परिवर्तन, नवीनीकरणीय ऊर्जा जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन जंग रोके जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि डेनमार्क की पीएम के साथ बैठक में उन्होंने इस युद्ध के मसले पर भी चर्चा की और दोनों देशों का मानना है कि रूस और यूक्रेन को बातचीत और कूटनीति के जरिए समस्या का समाधान करना चाहिए।
भारत और डेनमार्क के बीच संबंधों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- हमारे दोनों देश लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और कानून के शासन जैसे मूल्यों को तो साझा करते ही हैं, साथ में हम दोनों की कई दूसरी ताकतें भी हैं। उन्होंने कहा- अक्टूबर 2020 में भारत-डेनमार्क के बीच हुए वर्चुअल सम्मेलन के दौरान हमने अपने संबंधों को ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया था। हमारी आज की चर्चा के दौरान हमने अपने ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की साझा योजना पर बात की।
उन्होंने डेनमार्क की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा- दो सौ से अधिक डेनिश कंपनियां भारत में कई क्षेत्रों में काम कर रही हैं। पवन ऊर्जा, शिपिंग, कंसल्टेंसी, फूड प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग आदि में डेनिश कंपनियां काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कंपनियों को भारत में बढ़ते ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और हमारे व्यापक आर्थिक सुधारों का लाभ मिल रहा है।
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