संरक्षणवादियों को डर है कि अगर इस तरह भेड़ियों की हत्याएं जारी रहती हैं तो जल्द ही भेड़ियों की आबादी कम हो जाएगी और ये जानवर विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएंगे.
भेड़िया
फिनलैंड (Finland), नॉर्वे (Norway) और स्वीडन (Sweden) जैसे कई यूरोपीय देश भेड़ियों की आबादी (Wolves Population in Europe) को नियंत्रित करने के लिए उन्हें मार रहे हैं. स्वीडन में शिकारियों ने पहले ही 27 भेड़ियों को गोली मार दी है, जो कि उनके वार्षिक टारगेट से अधिक है. फिनलैंड को अपने पहले ‘जनसंख्या प्रबंधन शिकार’ के हिस्से के रूप में 20 भेड़ियों की हत्या को मंजूरी दी है. वन्यजीव समूहों का कहना है कि स्वीडन में, साल 2020-21 के लिए भेड़ियों की संख्या को 395 रखने की बात कही गई थी, जिसे घटाकर अब 300 कर दिया गया है.
वन्यजीवों के एक एनजीओ के अध्यक्ष मैग्नस ऑरेब्रेंट ने कहा, स्वीडन ने यूरोपियन यूनियन (European Union) से वादा किया कि उसके यहां पर भेड़ियों की आबादी 300 से कम नहीं होगी, जबकि ये न्यूनतम है. हमने यूरोपियन यूनियन को बताया है कि 300 बहुत कम संख्या है. स्वीडन में 1000 से अधिक भेड़ियों को रखने की क्षमता है. दूसरी ओर नॉर्वे इस सर्दी के मौसम में अपने लगभग 60 फीसदी भेड़ियों को मौत के घाट उतारने वाला है. नॉर्वे में, देश के पांच फीसदी हिस्से को भेड़िया संरक्षण क्षेत्र माना जाता है. इसके बाद भी इस सर्दी में 25 भेड़िये संरक्षण क्षेत्र के अंदर मारे जाएंगे.
स्थिति को बताया गया भयावह
कई संरक्षण समूहों ने यूरोपियन यूनियन से इस सामूहिक वध के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है. संरक्षणवादियों ने इन देशों पर पश्चिमी यूरोप में भेड़ियों के लिए शत्रुतापूर्ण वातावरण बनाने का आरोप लगाया है. द गार्जियन की एक रिपोर्ट में, एक पशु अधिकार समूह के मुख्य कार्यकारी, सिरी मार्टिन्सन ने कहा, ये एक भयावह स्थिति है. नॉर्वे का भेड़िया प्रबंधन नियंत्रण से बाहर है और वे सिर्फ भेड़ियों को गोली मार रहे हैं क्योंकि कुछ लोग उन्हें पसंद नहीं करते हैं. ये बेहद ही अपमानजनक है. एक प्रजाति को गंभीर रूप से संकटग्रस्त स्तर पर रखना बेहद ही दुर्भाग्य की बात है.
अन्य मुल्कों से हस्तक्षेप की मांग
फिनलैंड और स्वीडन में वन्यजीव समूहों ने यूरोपीय आयोग (European Commission) और यूरोपीय न्यायालय (European court) से भेड़ियों को अवैध घोषित करने की अपील की है. लेकिन दोनों देशों की सरकारें यह सुनिश्चित कर रही हैं कि कानूनन इस तरह की हत्याओं की इजाजत दी गई है. संरक्षणवादियों ने यूरोप के अन्य मुल्कों से गुजारिश की है कि वे इस हत्या को रोकने के लिए हस्तक्षेप करें. दरअसल, संरक्षणवादियों को डर है कि अगर इस तरह भेड़ियों की हत्याएं जारी रहती हैं तो जल्द ही भेड़ियों की आबादी कम हो जाएगी और ये जानवर विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएंगे.
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