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Reserve bank of india RBI says economic activities are strong in country | देश की आर्थिक गतिविधियों में मजबूती बरकरार, ओमीक्रोन लहर के बजाय फ्लैश फ्लड की तरह: RBI

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मानना है कि भारत की कुल आर्थिक गतिविधियां बैंक ऋण में तेजी और उपभोक्ता विश्वास में सुधार आने से मजबूत बनी हुई हैं और ओमीक्रोन के एक लहर के बजाय अचानक आई बाढ़ ही रहने की उम्मीद से भविष्य की संभावनाएं सुधरी हैं.

देश की आर्थिक गतिविधियों में मजबूती बरकरार, ओमीक्रोन लहर के बजाय फ्लैश फ्लड की तरह: RBI

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मानना है कि भारत की कुल आर्थिक गतिविधियां बैंक ऋण में तेजी और उपभोक्ता विश्वास में सुधार आने से मजबूत बनी हुई हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मानना है कि भारत की कुल आर्थिक गतिविधियां बैंक ऋण में तेजी और उपभोक्ता विश्वास में सुधार आने से मजबूत बनी हुई हैं और ओमीक्रोन के एक लहर के बजाय अचानक आई बाढ़ ही रहने की उम्मीद से भविष्य की संभावनाएं सुधरी हैं. आरबीआई के सोमवार को जारी बुलेटिन में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रकाशित लेख के मुताबिक, कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के बारे में ब्रिटेन एवं दक्षिण अफ्रीका के आंकड़े इसे 66-80 फीसदी तक कम घातक बता रहे हैं, जिसमें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत भी कम पड़ रही है. इसके अलावा टीकाकरण मोर्चे पर भारत की प्रगति भी काफी तेज रही है.

विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों का विस्तार मजबूती की वजह: RBI

इसके मुताबिक, उपभोक्ता और कारोबार विश्वास सुधरने और बैंकों के ऋण में वृद्धि से एकीकृत मांग परिस्थितियां लचीली रह सकती हैं. जबकि, आपूर्ति के मोर्चे पर रबी की बुआई पिछले साल के स्तर से भी आगे निकल गई है. लेख के मुताबिक, विनिर्माण और विभिन्न सेवा क्षेत्रों का विस्तार होने से भारत में कुल आर्थिक गतिविधि मजबूत बनी हुई है, उपभोक्ता एवं कारोबारी विश्वास बढ़ने और विभिन्न उच्च तीव्रता संकेतकों में सुधार से भी स्थिति सुधरी है.

आरबीआई का बुलेटिन कहता है कि ओमीक्रोन के एक लहर के बजाय अचानक आई बाढ़ ही रह जाने की संभावना करीबी भविष्य में बढ़ गई है. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने यह साफ किया है कि लेख में व्यक्त विचार इसके लेखकों के हैं और उसके अधिकृत रुख को अभिव्यक्त नहीं करते हैं.

आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे गति पकड़ रही है और मजबूत बनी हुई है, लेकिन महंगाई दर के बढ़ते दबाव के साथ कोरोना वायरस का नया स्वरूप ओमीक्रोन एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. रिपोर्ट की प्रस्तावना में रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने लिखा था कि इस साल अप्रैल-मई में विनाशकारी कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था को लेकर ग्रोथ आउटलुक धीरे-धीरे बेहतर हुआ है. लेकिन वैश्विक घटनाक्रमों और हाल में सामने आये वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन की वजह से अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौती पैदा हुई है. उन्होंने कहा कि मजबूत और सतत रिकवरी निजी निवेश तथा निजी खपत में तेजी पर निर्भर है. लेकिन दुर्भाग्य से ये दोनों अब भी महामारी-पूर्व स्तर से नीचे हैं.

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Written by rannlabadmin

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