गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस छोड़ी तो पार्टी के शीर्ष नेताओं खास कर राहुल गांधी के बारे में उन्होंने कई बातें कहीं। उसमें एक बात उन्होंने खासतौर से कही राहुल गांधी के पास पांच मिनट का समय नहीं था। हार्दिक ने कहा कि अगर पांच मिनट का समय निकाल कर राहुल उनकी बात सुन लेते तो वे इस्तीफा नहीं देते। खबर है कि राहुल के गुजरात दौरे में हार्दिक ने उनको कुछ लोगों से मिलवाने का प्रयास किया था पर राहुल ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वे थक गए हैं और अब आराम करना चाहते हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि राहुल पांच मिनट समय दे देते तो सचमुच हार्दिक पार्टी नहीं छोड़ते। उनको कांग्रेस में संभावना नहीं दिख रही थी तो वे पार्टी छोड़ते ही। लेकिन सवाल है कि क्या सचमुच राहुल गांधी के पास समय की कमी है?
ऐसा कतई नहीं है। उलटे राहुल गांधी से ज्यादा फुरसत संभवतः किसी बड़े नेता को नहीं है। हाल के दिनों में इसकी दो मिसाल देखने को मिली है। राहुल गांधी इस समय लंदन में हैं। सोमवार को उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘इंडिया एट 75’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया और भाषण दिया। अच्छी बात है कि दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक में वे भाषण देने गए। लेकिन उनको इतनी फुरसत है कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वे गुरुवार को ही लंदन पहुंच गए। उसके अगले दिन वे शुक्रवार को भी यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। उसके बाद वे लंदन में ही रहे। एक दिन वे कांग्रेस के विदेश प्रकोष्ठ से जुड़े नेताओं से मिले। सोचें, एक कार्यक्रम के लिए जिस नेता के पास छह दिन का समय हो, उसके बारे में कैसे कहा जा सकता है कि फुरसत नहीं मिली!
जब वे लंदन में थे उसी बीच उनके पिता स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि भी आई। शनिवार यानी 21 मई को राजीव गांधी की पुण्यतिथि थी। उस दिन कांग्रेस ने उनकी याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए थे। राहुल इन कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद भी लंदन जा सकते थे। ध्यान रहे एक ही यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में और एक ही दर्शक वर्ग के सामने चार दिन के अंतराल पर एक ही तरह का भाषण देना कोई समझदारी की बात नहीं है। यह काम वैसा ही नेता कर सकता है, जिसके पास फुरसत ही फुरसत हो या जिसे लंदन जाकर घूमना हो। जैसे तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी गए हैं। दोनों की अभी शादी हुई है और इसी बहाने उनका हनीमून भी चल रहा है। उधर वे लंदन में हनीमून मना रहे थे और इधर दिल्ली, पटना में उनके माता-पिता और बहन के घरों पर सीबीआई छापे मार रही थी।
बहरहाल, दूसरी मिसाल राहुल गांधी की नेपाल यात्रा की है। सीएनएन की पूर्व पत्रकार सुन्मिना उधास की शादी में शामिल होने राहुल काठमांडो गए थे। इसमें कोई बुराई नहीं है कि वे अपने दोस्तों या रिश्तेदारों की शादी में जाएं। दूसरे नेता भी जाते हैं। लेकिन उनके कद का शायद ही कोई नेता होगा, जो अपने दोस्त की शादी में जाए तो उससे पहले दो दिन पहले से होने वाले कॉकटेल-डिनर में भी शामिल हो, बैचलर पार्टी में भी हिस्सा ले, मेहंदी-संगीत के कार्यक्रम में शामिल हो और तब शादी अटेंड करे। जबकि उसी बीच कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक के 75 साल पूरे होने का समारोह होना था।
India
GIPHY App Key not set. Please check settings