प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमले का सबसे बड़ा हथियार परिवारवाद और वंशवाद को बनाया है। वे हर कार्यक्रम में इस पर हमला कर रहे हैं और इसे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बता रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को जयपुर में शुरू हुई पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में विस्तार से इस बारे में बोला तो पिछले महीने पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी उन्होंने परिवारवाद पर हमला किया था। सवाल है कि उनका यह हमला भाजपा की चुनावी जीत में कितना कारगर हो रहा है? अगर आंकड़ों की नजर से देखें तो कांग्रेस अकेली पार्टी है, जो इस तरह के हमले से बैकफुट पर आती है और हारती भी है। बाकी क्षेत्रीय पार्टियां परिवारवाद के बावजूद चुनाव जीत रही हैं।
प्रादेशिक परिवारवादी पार्टियों को भाजपा नहीं हरा पा रही है। इसका एकाध अपवाद होगा, लेकिन ज्यादातर जगहों पर भाजपा जीत नहीं पाई। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस, तमिलनाडु में डीएमके, महाराष्ट्र में शिव सेना आदि पार्टियां एक खास
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