यह सबको पता है कि महाराष्ट्र में उग्र हिंदुत्व का जो दांव राज ठाकरे चल रहे हैं उसके पीछे भाजपा की मदद है। उन्होंने मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर उतरवाने का अभियान छेड़ा है या हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं तो उसके पीछे भाजपा का समर्थन है। तभी जब यह खबर आई कि पांच जून की उनकी अयोध्या यात्रा का भाजपा के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह विरोध कर रहे हैं तो हैरानी हुई। लेकिन यह विरोध भी भाजपा का दांव है। ध्यान रहे ब्रजभूषण शरण सिंह किस बात का विरोध कर रहे हैं? वे कह रहे हैं कि उत्तर भारतीयों और हिंदी भाषियों पर हुए हमले के लिए राज ठाकरे माफी मांगें तब उनको अयोध्या में घुसने दिया जाएगा।
गोंडा के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह का यह दांव अनायास नहीं है। भाजपा को पता है कि महाराष्ट्र में शिव सेना की असली ताकत कट्टर हिंदू नहीं, बल्कि मराठी मानुष है। उनकी पार्टी हमेशा मराठी अस्मिता की बात करती है। ऐसे में सिर्फ कट्टर हिंदू के वोट की राजनीति से उनको नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है। लेकिन अगर मराठी मानुष के वोट में सेंध लगे तो उनको दिक्कत होगी। तभी राज ठाकरे की उत्तर भारतीय विरोधी नेता की छवि को चमकाया जा रहा है। इससे मराठी मानुष का उनके प्रति रूझान बढ़ेगा। अगर थोड़ा बहुत वोट वे काटते हैं तो शिव सेना को बड़ा नुकसान होगा।
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