भोपाल। मध्यप्रदेश के अगले विधानसभा चुनावों में अभी अठारह महीनें शेष है किंतु संघ व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के चेहरे पर चिंता की लकीरें अभी से नजर आ रही है, पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी तथा संघ दोनों ने ही मध्यप्रदेश का गोपनीय विस्तृत सर्वेक्षण करवाया, जिसमें अगले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक माहौल व चुनाव की सत्ता व संगठन स्तर पर तैयारियों का विस्तृत जायजा लिया गया, पिछले दिनों दिल्ली में जो मध्यप्रदेश सत्ता-संगठन पर भाजपा व संघ की शीर्ष बैठक हुई, उसमें इन्हीं गोपनीय विस्तृत सर्वेक्षणों के प्रतिवेदनों पर विस्तृत चर्चा की गई, जिनके प्रति संघ ने विशेष चिंता व्यक्त की, संगठन ने भी रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की।
संगठन के शीर्ष नेतृत्व ने तो इस पर कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं की, किंतु संघ ने खुलकर राज्य की अफसरशाही, भ्रष्टाचार व जनता व जनप्रतिनिधियों से उनकी दूरी पर खुलकर आलोचना की। संघ की नाराजी का एक प्रमुख कारण यह भी था कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा अनुभवी लोगों की साईड लाईन कराके उपेक्षा कर रही है, जब कि भाजपा को इनके अनुभवों का पूरा लाभ उठाना चाहिए जो कि विधानसभा चुनाव के समय बेहद जरूरी है। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रय होसवाले विशेष रूप से इस गोपनीय रिपोर्ट को लेकर विशेष चिंतित दिखाई दिये। उनका कहना था कि संगठन से नए चेहरों को जोड़ने के प्रयास तो ठीक है, किंतु साथ ही बुजुर्ग व अनुभवी पार्टी नेताओं की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए, उनके पुराने अनुभवों का लाभ लेकर पार्टी को अपनी अगली राह तय करनी चाहिये। क्योंकि युवा व बुजुर्गों के बीच बिना संतुलन बनाए पार्टी आगे नहीं बढ़ सकती।
दिल्ली के कारोल बाग स्थित उदासीन अखाड़ा परिसर में आयोजित इस शीर्ष बैठक में संघ काफी उदासीन नजर आया, इस बैठक में मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बीडी शर्मा तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी भी हाजिर थे। बैठक में सरकार्यवाह होसबाले ने सत्ता-संगठन के अच्छे कदमों की सराहना की तो अदूरदर्शी नजरिये पर सवाल भी उठाए।
संघ व भाजपा की इस शीर्ष बैठक में मध्यप्रदेश में बढ़ रहे कथित भ्रष्टाचार पर काफी चिंता व्यक्त की गई। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश भ्रष्टाचार का ‘डबल डोज’ भुगत रहा है। वर्ष 2020 के दौरान भ्रष्टाचार की राज्य में इक्यावन प्राथमिकी दर्ज हुई थी जो सिर्फ एक साल (2021) में 91 हो गई और पन्द्रह महीनों की अवधि में 116 को भ्रष्टाचार का दोषी पाकर दण्डित किया गया जहां तक इस वित्तीय वर्ष के पिछले तीन महीनों का सवाल इस अवधि में 35 प्राथमिकी दर्ज कराई गई 268 भ्रष्टाचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया तो 229 के खिलाफ चालान पेश किए गए। 31 मार्च को आर्थिक अपराध अनुसंधन ब्यूरों ने 33150 करोड़ रूपए से भी अधिक के घोटालों में जल संसाधन विभाग के तीन अफसरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पिछली 4 फरवरी को जांच एजेंसी ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में लगभग तीस करोड़ रूपये का घोटाला उजागर कर जनपद पंचायत सिरोंज के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।
इन्ही सब भ्रष्टाचार सम्बंधी दस्तावेजी रिपोटर््स को पढ़कर संघ प्रदेश सरकार से काफी नाराज है। इसी विषय पर इस शीर्ष बैठक में विस्तार से चर्चा कर अगले विधानसभा चुनावों के सन्दर्भ में चिंता व्यक्त की गई। चूंकि भाजपा के गोपनीय सर्वेक्षण में भी ये ही तथ्य उजागर हुए है, इसलिए इस सन्दर्भ में आलाकमान ने मुख्यमंत्री जी को आवश्यक निर्देश दिए और मुख्यमंत्री जी ने दिल्ली से लौटते ही राज्य के मुख्य सचिव को अपने आवास पर बुलाकर उनसे इस सन्दर्भ में विस्तृत चर्चा कर सख्त कदम उठाने की हिदायतें दी।
अब स्थिति यह है कि एक ओर जहां इसी शीर्ष बैठक में भाजपा व संघ अगले विधानसभा चुनावों में कट्टर हिन्दुत्व एजेण्डे़ के साथ उतरने का फैसला लेता है, वहीं वह राज्य की मौजूदा संगठन व सत्ता सम्बंधी गतिविधियों से खुश भी नहीं है, किंतु साथ ही वह मौजूदा प्रतिपक्ष विहीन राजनीतिक माहौल का लाभ उठाकर राज्य में फिर से अपनी सत्ता कायम करने के सुनहरे सपने भी देख रहा है।
अब चूंकि प्रधानमंत्री जी ने अपने चुनाव, संगठन, राज्य जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां गृहमंत्री अमित शाह को सौंप दी है, इसीलिए शाह साहब इन दिनों ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे है, चाहे फिर वह मध्यप्रदेश हो, कर्नाटक हो या बिहार या जम्मू-कश्मीर हर जगह शाह साहब नजर आ रहे है। वे अपनी सक्रियता से संघ को भी यह बता देना चाहते है कि वह चिंता न करें, सब कुछ ठीक हो जाएगा।
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