Corona Update: वह दवा जिनको covid उपचार में सफल मन रहे थे और उन्हें Covid प्रोटोकॉल में शामिल कर लिया गया, उनमें से कोई भी बिलकुल असरदार नहीं है। एक फार्मा रिपोर्ट के अनुसार, बीते दो साल में लोगों ने ऐसी 500 करोड़ रुपये की दवाओं का सेवन किया हैं । जबकि, इनमें से कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव ब्लैक फंगस के रूप में पूरे देश में देखा गया ।

देशभर के एक्सीलेंस सेंटर को Covid उपचार के बारे में जानकारी देते हुए एम्स के डॉ. अचल कुमार ने कहा कि दो वर्षों में न सिर्फ कोरोना मरीज, बल्कि संक्रमण से बचने के लिए भी लोगों ने 2डीजी, फेविपिराविर, आइवरमेक्टिन और एचसीक्यू जैसी दवाओं का खूब इस्तेमाल किया। ये दवाएं कोविड के माइल्ड या फिर अस्पताल में भर्ती रोगियों पर असरदार साबित नहीं हुयी हैं।
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नई दिल्ली स्थित एम्स का मानना है कि इन दवाओं का देश में खूब प्रचार किया गया। कम वैज्ञानिक साक्ष्य वाली दवाओं ने भी करोड़ों रुपये का कारोबार कर लिया हैं । लेकिन, अब एम्स ने आगे आकर इन दवाओं पर सवाल उठाते हुए इनसे दूर रहने की सलाह दी है। देश के दूसरे डॉक्टरों से भी अपील करते हुए एम्स ने इन दवाओं से परहेज करने की अपील की ।
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