Publish Date: | Tue, 12 Oct 2021 11:30 AM (IST)
– चोरी और सीनाजोरी ननईदुनिया ने मौके पर पहुंचकर जानी हकीकत, पांच के बजाए 20 रुपये वसूल रहे
ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। स्मार्ट सिटी ने शहर में डेफोडिल कंपनी द्वारा संचालित वाहन पार्किगों का ठेका दो सितंबर को निरस्त कर बंद करने का निर्देश था। 39 दिन बाद भी कंपनी खुलेआम पार्किंग संचालित कर अवैध वसूली कर रही है। इसके बाद भी आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नईदुनिया टीम ने सोमवार को शहर की विभिन्न पार्किगों पर जाकर देखा और अपनी गाड़ी पार्क की। इस दौरान कुछ पार्किग पर तय रकम से चार गुणा अधिक पैसे भी वसूले जा रहे थे। इसके बाद भी शहर में हो रही इस अवैध वसूली को रोकने के लिए प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इन पार्किगों के जरिए शहरवासियों से प्रतिदिन कंपनी द्वारा करीब 50 हजार रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। नईदुनिया की टीम ने शहर के सालासर मॉल, एयरटेल आफिस सिटी सेंटर, बस स्टैंड एवं स्टेशन बजरिया स्थित इंडियन काफी हाउस के सामने वाली पार्किंग में गाड़ियां पार्क कीं। इनमें से आइसीएच के सामने वाली पार्किंग में दो पहिया वाहन चालकों से चार गुणा अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं, जबकि पार्किंग संचालक द्वारा पैसा जमा नहीं किए जाने। शहर में वाहन चालकों से अवैध वसूली करने आदि के आरोप साबित होने के बाद स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक हुई थी। इस बैठक में कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त ने सीईओ स्मार्ट सिटी जयति सिंह को कंपनी का ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए थे। सीईओ ने दो सितंबर को कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया और पार्किंग को नगर निगम को सौंप दी। इसके बाद तात्कालीन निगमायुक्त आशीष तिवारी ने कंपनी के 40 लाख
रुपये जब्त कर लिए। वहीं अपर आयुक्त राजस्व मुकुल गुप्ता ने कंपनी पर 2.25 करोड़ रुपये का बकाया भी निकाला। इसके बाद अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता कंपनी का सामान जब्त करने के लिए गए थे, लेकिन वह एक फोन आते ही बिना कार्रवाई किए वापस लौट आए। इसके बाद से लगातार शहर में अवैध पार्किंग चल रही है और नगर निगम इसे अपने हैंडओवर नहीं ले रहा है। ठेका निरस्त होने के बाद भी पार्किगों का संचालन बताता है कि डेफोडिल कंपनी को किसी माननीय का संरक्षण प्राप्त हैं। इसीलिए बेधकड़ अवैध वसूली जारी है।
पड़ाव बस स्टैंड पार्किग़ि
रिपोर्टर: थोड़ी देर गाड़ी पार्क करनी है?
कर्मचारी: पार्किग में अंदर लगा लो।
रिपोर्टर: कितने पैसे लगेंगे?
किर्मचारी: पांच रुपये लगेंगे, प्रति घंटे के हिसाब से।
रिपोर्टर: ठेका निरस्त हो गया है क्या?
किर्मचारी: नहीं किसने कहा, यहां पर देख तो रहे हो सैकड़ों गाड़ी पार्क हैं। यह तो अफवाह उड़ाई जा रही है। इसके बाद रिपोर्टर ने गाड़ी पार्क की और पर्ची ली। 10 मिनट बाद जब गाड़ी निकालने पहुंचे तो कर्मचारी ने पांच रुपये रुपये लिए।
रिपोर्टर: थोड़ी देर गाड़ी पार्क करनी है?
कर्मचारी: कितनी भी देर पार्क करो, गाड़ी साइड में खड़ी करना
रिपोर्टर: कितने रुपये लगेंगे?
कर्मचारी: 20 रुपये
रिपोर्टर: दो पहिया वाहन के इतने रुपये कहां लगते हैं?
किर्मचारी: बिना पर्ची कटाए गाड़ी खड़ी कर दो 10 रुपये दे देना।
रिपोर्टर: मुझे तो पर्ची चाहिए, गाड़ी चोरी हो गई तो क्या होगा?
किर्मचारी: 20 रुपये दो
रिपोर्टर: खुल्ले रुपये नहीं है
किर्मचारी: फोन-पे कर दो।
यहां पर 20 मिनट गाड़ी पार्क करने के कर्मचारी ने 20 रुपये वसूले गए।
आयुक्त किशोर कान्याल से सीधी बात
सवाल: शहर में डेफोडिल कंपनी द्वारा अवैध रूप से पार्किंग संचालित की जा रही है?
जिवाब: पार्किंग के मामले पर अभी पूर्ण रूप से निर्णय नहीं हो पाया है।
सवाल: शहरवासियों से तो अवैध वसूली की जा रही है, इसे कैसे रोकेंगे?
जवाब: पार्किग वाली फाइल कलेक्टर साहब के पास है, वह एक-दो दिन में निर्णय ले लेंगे।
Posted By: anil.tomar
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