कोरोना का आंकड़ा फिर से 45 हजार के पार हो गया है, जबकि मौत की संख्या भी बढ़ रही है। कोरोना के बढ़ते आंकड़ों ने सबकी चिंता फिर से बढ़ा दी है।इस वक़्त सबसे ज्यादा बुरा हाल केरल का है। केरल में रोजाना 30 हजार नए मामले आ रहे हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट का बुरा असर यह दिख रहा है। यहां बच्चे भी इस वैरिएंट की चपेट में आने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले पांच महीनों में केरल में करीब 300 से अधिक बच्चे मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम-इन चिल्ड्रन से संक्रमित हो गए हैं , इनमें चार बच्चों की मौत भी हो चुकी हैं । यह संक्रमण राज्य के लिए एक नई चिंता के रूप में सामने आए है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने माता-पिता से अपने बच्चों में एमआईएस-सी के लक्षण दिखने पर उन्हें अस्पताल जाने या चिकित्सा सहायता लेने को कहा है। इस बीमारी का इलाज संभव है, लेकिन अगर इसे अनदेखा किया , तो मुश्किल हो जाएगा।
मार्च में सामने आया था पहला मामला
एमआईएस-सी उन बच्चों में पोस्ट कोविड के बीमारी है, जिनमें कोरोना वायरस से उबरने के तीन-चार सप्ताह बाद बुखार, पेट दर्द, आंख लाल होने जैसे लक्षण मिले हैं। राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक कोरोना से संक्रमित सभी राज्य की आबादी में से 10 फीसदी में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे पाए गए हैं, जबकि अधिकांश एमआईएस-सी संक्रमित मामले 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में देखे हैं। एमआईएस-सी का पहला मामला मार्च में तिरुवनंतपुरम के सरकारी अस्पताल में मिला था।
GIPHY App Key not set. Please check settings