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Education Importance: दुल्हन ने शादी के दिन 7 फेरे रोके और लाल जोड़ा पहनकर परीक्षा देने पहुंची।

झांसी शहर में एक घटना हुई है, जहां एक दुल्हन ने अपनी शादी के दिन 7 फेरे रोके। यह बड़ी खबर है क्योंकि वह उसी दिन एक महत्वपूर्ण परीक्षा (Education Importance) के लिए जाना चाहती थी। वह ने शादी का लाल जोड़ा पहना था और परीक्षा केंद्र की ओर रवाना हो गई।

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के डोंगरी गांव में शादी की शहनाई बज रही थी। जन्मों जन्म का वादा निभाने के लिए 7 फेरे लेने की तैयारी भी चल रही थी। फिर दुल्हन ने फेरे लेने से इनकार कर दिया। इससे दुल्हा पक्ष हैरान हो गया, लेकिन उन्होंने कारण जाना तो वे भी दुल्हन के साथ रहने के लिए तैयार हो गए। वास्तव में, दुल्हन को बीए फाइनल ईयर का पेपर देना था। पेपर उसी दिन था जब उसकी शादी थी। पेपर देने के लिए दुल्हन ने फेरों के बीच में रोक दी और परीक्षा देने चली गई।

वास्तव में, झांसी जिले के डोंगरी गांव में निवास करने वाली दुल्हन कृष्णा राजपूत की शादी बबीना में निवास करने वाले दूल्हा यशपाल सिंह के साथ तय हुई। घर में शादी की तैयारियाँ जारी थीं और 15 मई को बारात ढोल नगाड़ों के साथ दुल्हन के द्वार पर पहुंची। सभी रीति-रिवाजों के साथ शादी की रस्में आगे बढ़ रही थीं।

16 मई को दुल्हन को 7 फेरों के साथ अपने ससुराल जाना था, लेकिन दुल्हन ने बीच में फेरे रोकवाए। यह देखकर सभी हैरान हो गए। कारण पूछने पर सभी ने दुल्हन का समर्थन किया। दुल्हन ने बताया कि उसका बीए का पेपर है, जिसे वह पहले देना चाहती है। इसके बाद दुल्हन ने स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय पहुंचकर बीए फाइनल ईयर की परीक्षा दी।

दुल्हन (छात्रा) कृष्णा दावा करती हैं कि शादी और परीक्षा दोनों का महत्व है। इसलिए उन्होंने योजना बनाई कि पहले परीक्षा देने जाएगी। वहां से वापस आकर शादी की बाकी रस्मों को पूरा करेगी।

स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि परीक्षा के दिन छात्रा कृष्णा की शादी होने वाली है, तो उन्होंने परिवार को समझाने का प्रयास किया। कई कठिनाइयों के बाद, परिवार परीक्षा देने के लिए तैयार हो गए।

शिक्षा का महत्व (Education Importance)

शिक्षा मानव जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह मानवीय समाज के विकास और प्रगति का मूलाधार है जो समाज को सुसज्जित, समर्पित और उन्नत बनाती है। शिक्षा मानव बुद्धि, ज्ञान, और सामरिकता को विकसित करने का एक प्रमुख साधन है।

शिक्षा हमें समझदार, समझगार, और सक्रिय नागरिक बनाती है। यह हमें समाज के मूल्यों, नैतिकता, और सही और गलत के बीच अंतर को समझने में मदद करती है। शिक्षा न केवल हमें अपनी व्यक्तिगत विकास में मदद करती है, बल्कि हमारे समाज और देश के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होती है।

शिक्षा से हम अपने आप को उच्चतम स्तरों पर पहुंचाने का अवसर प्राप्त करते हैं। यह हमें नई सोच और रचनात्मकता की प्रेरणा देती है, हमारे दिमाग की क्षमता और सोचने की योग्यता को विकसित करती है। शिक्षित व्यक्ति समस्याओं का समाधान करने में सक्षम होता है और सामरिक विश्व में अपनी जगह बनाने में सक्षम होता है।

शिक्षा आर्थिक स्थिति में सुधार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा से हमें व्यापारिक कौशल, व्यवसाय विचारधारा, और आवासीय प्रशासनिक क्षमता प्राप्त होती है। शिक्षित लोग अधिक व्यापारिक मौखिक और लिखित संवाद कर सकते हैं, व्यापार में सक्षम होते हैं, और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं।

इसलिए, हमें समाज के सभी वर्गों को शिक्षा की महत्वपूर्णता को समझना और शिक्षा के प्रति समर्पित होना चाहिए। शिक्षा हमारे समाज को सशक्त, उच्च, और विकसित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हमें एक बेहतर और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाती है।

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Written by KP Singh

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