Live News Today: Agra की तरक्की के बड़े-बड़े वादे हर चुनाव में होते हैं, लेकिन हर बार Agra ठगा हुआ महसूस करता हैं। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा हो या स्टेडियम, हाईकोर्ट खंडपीठ हो या लैदर पार्क, सब लुभावने वादे रहे है। किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं किया गया । खंडपीठ के मामले में तो जस्टिस जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट में खंडपीठ के लिए Agra को उपयुक्त स्थान बताया था लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी।

- यमुना पर बैराज
Agra में गंभीर जल संकट से निपटने के लिए यमुना नदी पर बैराज बनाने की मांग 40 साल से हो रही है। यमुना नदी में बैराज से भूगर्भ जलस्तर में वृद्धि होगी और यमुना में सालभर पानी की कमी नहीं रहेगी । दो साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा दौरे के दौरान ताजमहल के पास नगला पैमा में बैराज बनाने के लिए जमीन चिह्नित करने और बैराज बनाने की घोषणा की लेकिन यह योजना भी पूरी नहीं हो सकी है।
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- अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का मुद्दा तो वर्ष 1980 से चला आ रहा है। ताजमहल के कारण यहां देसी-विदेशी सैलानियों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए एयरपोर्ट बहुत जरूरी है। खेरिया हवाई अड्डे के वायु सेना परिसर में होने के कारण यहां सुरक्षा संबंधी बंदिश बनी रहती हैं। अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी यहां सीधी नहीं आ पाती हैं।ऐसे में Agra में पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल रहा। लंबे समय से आगरा के पर्यटन उद्यमी इंटरनेशनल हवाई अड्डे की मांग कर रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार ने जेवर में एयरपोर्ट का तोहफा तो दे दिया। आगरा के लोग एक बार फिर से रह गए
- यमुना रिवर फ्रंट
ताजमहल से लेकर रामबाग के बीच यमुना किनारे के दोनों ओर साबरमती नदी की तर्ज पर यमुना रिवर फ्रंट बनाने की घोषणा हुयी थी। मुख्यमंत्री आगरा में ताजमहल पर सफाई अभियान की शुरुआत के लिए जब आगरा आए, तब उन्होंने चमेली फर्श से Agra किले की ओर देखते हुए अधिकारियों को यमुना रिवर फ्रंट की योजना बनाने के निर्देश दिए । उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग को यह जिम्मा मिला । पांच साल में यमुना रिवर फ्रंट की डीपीआर भी तैयार नहीं हो पाया है। इसलिए यह प्रस्ताव अभी तक कागजों में ही है।
- आईटी पार्क
ताज ट्रिपेजियम जोन में प्रदूषण रहित उद्योग लगाने की अनुमति मिली है। ऐसे में Agra में प्रदूषण रहित आईटी पार्क बनाने की मांग पिछले 10 साल से हो रही है। थीम पार्क के लिए 1400 एकड़ जमीन इनर रिंग रोड के पास अधिग्रहण हुयी थी, यह जमीन अभी भी खाली पड़ी है। इस मांग पर भी अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ है।
- आलू प्रोसेसिंग यूनिट
आगरा व आसपास आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां के किसान ने Agra में आलू प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की मांग की हैं। हर साल यहां के आलू किसानों को वाजिब कीमत नहीं मिलने पर उन्हें आलू फेंकना पड़ता है। आलू प्रोसेसिंग यूनिट लगवाने के लिए जनप्रतिनिधियों ने कई बार वादे किए थे ।
- अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम
Agra में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की मांग भी 10 वर्षों से हो रही है। आगरा के खिलाड़ी लगातार क्रिकेट समेत अन्य खेलों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। महिला क्रिकेट टीम में आगरा की दो खिलाड़ी प्रतिनिधित्व में हैं। यहां खेल सुविधाओं के नाम पर महज एकलव्य स्टेडियम बना है।सांसद राजकुमार चाहर ने भी यह मुद्दा उठाया लेकिन अभी तक स्टेडियम की राह में एक कदम तक नहीं उठाया गया है।
- हाईकोर्ट बेंच
हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का मुद्दा 55 साल बाद भी जस का तस बना हुआ है। वर्ष 1956 में हुई समिट में तत्कालीन गर्वनर ने उच्च न्यायालय खंडपीठ का मुद्दा उठाया गया । वर्ष 1966 में उच्च न्यायालय स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर शताब्दी समारोह का आयोजन हुआ । इसमें खंडपीठ की मांग भी उठाई गई। वर्ष 1970 में सरकार ने खंडपीठ पर अपनी मंशा जताई थी । Agra, मेरठ, बरेली सहित चार कमिश्नरी में खंडपीठ की मांग की जाने लगी।आयोग ने विस्तृत जांच करके रिपोर्ट वर्ष 1985 में दी थी । इस रिपोर्ट में खंडपीठ के लिए आगरा को उपयुक्त स्थान बताया था।
- लैदर पार्क
आगरा-जयपुर हाईवे पर फतेहपुरसीकरी रोड पर लैदर पार्क के लिए शिलान्यास वर्ष 2009 में तत्कालीन बसपा सरकार ने किया । 13 साल में भी इसका निर्माण नहीं हो पाया है। करोड़ों की लागत से जमीन अधिग्रहीत करके काम शुरू हुआ लेकिन फिर रोक दिया । Agra के चमड़ा उद्योग को विकसित करने के लिए लैदर पार्क एक बड़ी जरूरत बनी हुयी है। इस पर भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
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