महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में कोरोना पॉजिटिविटी रेट जीरो है. यह खबर किसी को भी चौंका सकती है. रहस्य जानने के लिए 12 डॉक्टरों की टीम मालेगांव पहुंच चुकी है.
महाराष्ट्र में कोरोना
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण औसतन हर रोज़ 40 हजार के पार जा रहा है. पूरे देश को कोरोना अपने प्रभाव से डरा रहा है. साथ ही कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का कहर भी जारी है. यानी संकट सतत भारी है. लेकिन महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में कोरोना पॉजिटिविटी रेट जीरो है. यह खबर किसी को भी चौंका सकती है. पर खबर हंड्रेड पर्सेंट पक्की और सच्ची है. कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर में मालेगांव से अक्सर यह शिकायतें आती रही हैं कि यहां लोग कोरोना नियमों का पालन ठीक से नहीं करते हैं. मास्क नहीं लगाते हैं, दो हाथों की दूरियां नहीं रखते हैं. वैक्सीनेशन के लिए भी लोग सामने बमुश्किल सामने आ रहे थे, फिर भी यहां कोरोना संक्रमण कम क्यों है? यह रहस्य जानने के लिए 12 डॉक्टरों की टीम मालेगांव पहुंच चुकी है.
क्या मालेगांव में लोगों के अंदर इतनी इम्यूनिटी डेवलप कर गई है कि यह लोगों में असर नहीं कर रहा है? क्या यहां कि छह लाख की आबादी अच्छी तरह से कोरोना वायरस के सामने एक्सपोज हो चुकी है और पूरे इलाके में हर्ड इम्युनिटी का असर हो रहा है? क्या मालेगांव में कोविड वायरस का इंफेक्शन अपने पैटर्न को चेंज कर रहा है? आखिर क्या बात है कि लाखों की आबादी होते हुए भी यहां सिर्फ 35 केस सामने आए हैं? क्या बात है कि नासिक के इस इलाके में पॉजिटिविटी रेट जीरो हो चुकी है? आखिर कोई तो राज है कि गुरुवार को 40 डॉक्टरों की टीम यहां घटते कोरोना संक्रमण के राज जानने पूरे साजो-सामान के साथ पहुंची है. कोई तो बात है कि पिछले साल दिसंबर में नासिक जिला प्रशासन ने महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इसकी गहराई से जांच करने का आग्रह किया था.
40 डॉक्टरों की टीम कर रही है 2500 सैंपल की जांच, जानना है घटते कोरोना संक्रमण के राज
यह 40 डॉक्टरों की टीम यहां अब ढाई हजार लोगों के ब्लड सैंपल लेकर धुले के लैब में जांच के लिए भेज चुकी है. लैब में इन सैंपल्स की एंटीबॉडी और एलिसा की जांच की जाएगी. जांच का अहम मकसद एक ही है. जब देश भर में कोरोना संक्रमण लाखों में पहुंच रहा है. जब राज्य भर में कोरोना संक्रमण हजारों में पहुंच रहा है तो मालेगांव में कोरोना पॉजिटिविटी रेट जीरो पर कैसे टिका हुआ है. आखिर यहां के छह लाख आबादी की रोग निरोधक क्षमता का स्तर क्या है.
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और नासिक जिला प्रशासन की ओर यह रिसर्च शुरू किया गया गया है. अगर इस रिसर्च में यहां कोरोना संक्रमण गिरने की कोई सही वजह सामने आती है तो राज्य और देश के अन्य भागों में भी कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने में वह रिसर्च कारगर होगा.
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