भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा के 2018 के चुनाव परिणाम जहां कांग्रेस में सत्ता वापसी की उम्मीद लगाए हुए हैं। वहीं भाजपा सरकार में आने के लिए चिंतित है और उसके लिए राजधानी से दूर पचमढ़ी में 25 से 27 मार्च तक चिंतन शिविर का आयोजन किया गया।
दरअसल, 2003 से 2018 तक प्रदेश में लगातार सरकार में रहेंगे और इस दौरान प्रदेश में अधिकतम सांसद जीतने साथ ही नगरीय निकाय और पंचायती राज के चुनाव में भारी सफलता मिलने से भाजपा नेता कांग्रेस मुक्त प्रदेश बनाने की बात करने लगे थे और 2018 में भी सत्ता वापसी के लिए पूरी तरह आशान्वित थे लेकिन कुछ ही विधायकों के कारण पार्टी सत्ता में वापसी नहीं कर पाई।
हालांकि डेढ़ वर्ष के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के कारण भाजपा सत्ता में आ गई और शिवराज सिंह चौथी बार मुख्यमंत्री बन गए लेकिन तब से ही पार्टी 2023 में चुनाव जीतने के लिए चिंतित रहती है और इसके लिए चिंतन का दौर चलता रहता है। इसी कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण चिंतन पचमढ़ी में 25 से 27 मार्च तक होने जा रहा है। जिसमें चुनाव तक का रोड मैप तैयार किया जाएगा मुख्यमंत्री ने विभिन्न मंत्री समूह का गठन करके इस चिंतन शिविर में समूह के सुझाव भी साझा किए जाएंगे।
इसके लिए मंत्रिमंडल उपसमिति ने बैठक करके तैयारियों की समीक्षा की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने 26 और 27 मार्च को पचमढ़ी में होने वाली चिंतन बैठक की तैयारियों की समीक्षा की चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग एवं पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल ने बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव दिए बैठक के बाद मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चिंतन बैठक में शामिल होने के लिए 25 मार्च की शाम सभी मंत्री बस से पचमढ़ी के लिए रवाना होंगे।
चिंतन बैठक 26 मार्च को सुबह 10:00 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के साथ शुरू होगी। चिंतन बैठक में दोनों दिन विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं एवं विषयों पर सत्र होंगे सत्र समापन के बाद मंत्री गण बस से ही भोपाल वापस आएंगे।
बुधवार को ही जल जीवन मिशन के संदर्भ में मंत्री समूह की बैठक हुई। जिसमें मंत्री गोपाल भार्गव, जगदीश देवड़ा, हरदीप सिंह डंग और विजेंद्र यादव शामिल हुए। इस बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव संकलित किए गए जिन्हें पचमढ़ी चिंतन शिविर में रखा जाएगा।
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कुल मिलाकर प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है और वह 2018 की तरह किसी भी प्रकार के अति उत्साह में नहीं रहना चाहती है। इसके लिए पार्टी अपनी वे तमाम चिंताएं दूर करना चाहती हैं जो सरकार में वापसी करने से रोक सकती हैं। मंत्री समूहों के सुझाव और सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर फोकस पचमढ़ी का चिंतन शिविर चुनाव तक के लिए पार्टी का रोड मैप तैयार कर देगा जो योजनाएं सरकार की प्राथमिकता पर हैं उनमें सुधार करके फोकस किया जाएगा।
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