ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्रियों को फिर से शपथ दिलाने की जल्दी में नहीं है। पंजाब में चुनाव जीती आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक हो गई और सीएम के दावेदार के तौर पर लड़े भगवंत मान नेता चुन लिए गए। उन्होंने राज्यपाल से मिल कर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया और 16 मार्च को उनकी शपथ भी होने जा रही है। लेकिन भाजपा ने अभी तक विधायक दल की बैठक बुलाने और नया नेता चुनने की कवायद भी शुरू नहीं की है। नतीजे आए पांच दिन हो चुके हैं और अभी तक विधायक दल की बैठक बुलाने, नेता चुनने, दावा पेश करने जैसा कोई काम नहीं हुआ है।
कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश छोड़ कर बाकी तीन राज्यों में नेता चुनने में दिक्कत आ रही है। पार्टी किसी का नाम तय नहीं कर पा रही है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का नाम घोषित करके पार्टी लड़ी थी और नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साफ कर दिया है कि योगी फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन ऐसी स्पष्टता उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में नहीं है। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बन सकते थे लेकिन दुर्भाग्य से वे विधानसभा का चुनाव हार गए। इसलिए पार्टी को नया नेता चुनना है।
गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ही सबसे प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं लेकिन भाजपा के 20 सीटें जीत लेने के बाद गेंद आलाकमान के पाले में आ गई है। अभी तक पार्टी ने नेता चुनने का संकेत नहीं दिया है और इस बीच राज्य सरकार के मंत्री विश्वजीत राणे ने अलग से जाकर राज्यपाल से मुलाकात की। इसके बाद से नए नेता को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। इसी तरह मणिपुर में भाजपा को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत मिल गया है। इसलिए पुराने नेता और पूर्व कांग्रेसी एन बीरेन सिंह की बजाय किसी नेता के नाम पर भी विचार हो रहा है। बताया जा रहा है कि बीरेन सिंह सहित तीन नामों की चर्चा चल रही है।
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