जहां एक तरफ होली के लोगों को होली के पहले तोहफा मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय ने होली के पहले कई लोगों को झटका दे दिया है। आपको बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद में एक प्रश्न के जवाब ने कहा कि रियायतें देने से रेलवे काफी घाटे में जा रहा है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक के साथ-साथ सभी श्रेणी के यात्रियों के लिए किसी भी तरह की रियायत देना अभी सही नहीं है।
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे की 2020-21 का राजस्व 2019-20 के राजस्व के अपेक्षा कम था। आपको बता दें कि कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद से रेलवे ने कई तरह की रियायतें देना बंद कर दिया है। रेलवे के द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के किराए में रियायत दिया जाता था जिसे साल 2020 के बाद बंद कर दिया गया।
अब रेल मंत्री की ओर से कहा गया है कि उन्हें अभी छूट नहीं दी जाएगी। जबकि महामारी से पहले इन नागरिकों को किराए में छूट दी जाती थी।
किन्हें मिलती थी छूट-
हम आपको बताते हैं कि कोरोनावायरस के महामारी से पहले किस तरह की छूट रेल यात्रा में यात्रियों को दी जाती थी।रेलवे ने सभी वर्गों में महिला यात्रियों को 50% और पुरुष यात्रियों को 40% की छूट देती थी। रेलवे की इस रियायत का लाभ उठाने के लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु 58 वर्ष और पुरुषों की न्यूनतम आयु 60 वर्ष थी।
महामारी के दौरान रेलवे मन्त्रालय ने 53 रियायतों में से 15 को छोड़कर सभी को बंद कर दिया। हालांकि चार अलग-अलग विकलांगों के लिए, छात्रों और रोगियों के लिए अभी भी छूट का प्रवधान है।
आपको बता दें कि कोरोनावायरस के पहले रेलवे बेडरोल देता था लेकिन अभी आदेश जारी होने के बाद भी रेलवे बेदरोल की सुविधा मुहैया नहीं करा रहा है।
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