यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने समय-समय पर नोएडा प्राधिकरण को हिंडन नदी को साफ करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, ‘इससे पहले मैंने एनजीटी में याचिका दायर की थी। प्रदूषण हिंडन में जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने नोएडा अथॉरिटी को इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए कहा था। आज (गुरुवार) हुई बैठक में हिंडन के किनारे से शुरू होकर कम से कम 500 मीटर पर वृक्षारोपण करने की योजना बनाई गई। हम एक मासिक अभियान में नदी के किनारे भी सफाई करेंगे, “एक पर्यावरण कार्यकर्ता और याचिकाकर्ता अभिष्ट कुसुम गुप्ता ने कहा।
20 सितंबर, 2020 को एनजीटी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छह महीने के भीतर प्रदूषित नदी के हिस्सों को कम से कम स्नान के लिए उपयुक्त बनाने के लिए कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया। हालांकि, बाद में ट्रिब्यूनल ने कहा कि पूरी योजना केवल कागज पर है और जमीन पर कुछ भी ठोस नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में हमने हिंडन नदी का दौरा करने और स्वच्छता एवं पौधारोपण अभियान की योजना तैयार करने की योजना बनाई थी। अभियान शुरू होने पर हम और अधिक जानकारी साझा करेंगे। वंदना त्रिपाठीनोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी)
400 किलोमीटर लंबी हिंडन नदी सहारनपुर, बागपत, मेरठ, मथुरा, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर सहित छह जिलों से होकर गुजरती है और अंत में सेक्टर 150 के मोमनाथल गांव में यमुना नदी में विलीन हो जाती है। हिंडन नदी के किनारों पर भारी अतिक्रमण है और वहां सैकड़ों प्रवासी श्रमिक रहते हैं।
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