चंद्रशेखर ने दावा किया कि अपनी पहले की शिकायतों की जांच के लिए उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा गठित समिति के समक्ष अपना पहला बयान दर्ज कराने के बाद उन्हें 15 नवंबर को जेल प्रशासन ने धमकी दी थी।
सुकेश ने अपने वकील अशोक के सिंह के माध्यम से पत्र जारी किया।
पत्र में दावा किया गया है कि उनके परिवार को 16 और 17 नवंबर को जैन के एक करीबी सहयोगी से धमकी भरे फोन कॉल आए और 21 नवंबर और 24 नवंबर को जैन और मनीष सिसोदिया के ‘सत्यापित’ नंबरों से ‘कई कॉल’ आए।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि जब उनके परिवार ने दोनों नेताओं के नंबरों से कॉल का जवाब नहीं दिया, तो उनके वकील को फोन किए गए।
उन्होंने कहा, ‘सवाल यह है कि सत्येंद्र जैन जेल के अंदर अभी भी अपने मोबाइल का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं या उनके निर्देश पर उनके नंबर का इस्तेमाल कौन कर रहा है? मनीष सिसोदिया भी अपने आधिकारिक नंबरों से मुझसे संपर्क करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं।
चंद्रशेखर के पत्र में खुद को ‘गंभीर खतरे’ में होने का दावा करते हुए सीबीआई द्वारा तेजी से जांच कराने और मजिस्ट्रेट के समक्ष उनका बयान दर्ज करने की मांग की गई है।
(एजेंसियों से इनपुट के साथ)
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