बात होली के त्यौहार की हो और बनारस के गुजिया की चर्चा ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। बनारस के गुजिया कैसे प्रदेश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब ज्यादा चर्चे होते हैं। आपको बता दें कि बनारस की गुजिया की एक -दो नहीं बल्कि 1 दर्जन से ज्यादा प्रकार होता है।
बनारस में मावे की गुजिया,पान की गुजिया, तिरंगी गुजिया, गुलकंद की गुजिया होली के अवसर पर या तरह-तरह की गुजिया बनाई जाती है और इन गुजिया की मांग सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होती हैं।
सिर्फ इन गुजिया की मिठास ही नहीं बल्कि इनकी कीमत भी आपको चौंका सकती है। आपको बता दें कि गुजिया की कीमत ₹480 किलो से लेकर ₹10000 किलो तक होता है।
होली में अलग-अलग तरह की मिठास वाली मिठाइयां खाई जाती है, जिसे देश और विदेश में पसंद किया जाता है। आपको बता दें कि बनारसी गुजिया की मांग काफी ज्यादा होती है और उनके मिठास की बात ही अलग होती है।
बनारस की मिठाइयां पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं. यहां का लवंगलता, चंद्रकला गुजिया, लाल पेड़ा, काजू की बर्फी, मलाई गिलौरी आदि ऐसी मिठाइयां हैं जिसका नाम लेते ही आपके मुंह में पानी आने लगेगा।
खासकर होली पर मिठाई की यह सारी किस्में दुकानों पर सजी सजर आती हैं. हालांकि सबसे ज्यादा मांग गुजिया की ही रहती है. वह गुजिया जिसके बिना होली का त्यौहार अधूरा माना जाता है. गुजिया के साथ गुलाल और अबीर के पैकेट पिचकारी का गिफ्ट पैक भी दुकानों पर मिल रहा है. इनकी कीमत 500 से 10,000 रुपये तक है. इन गिफ्ट पैक को खासतौर पर होली के लिए तैयार किया गया है.डिमांड इतनी की कम पड़ गया माल
होली पर गुजिया की डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि बनारस में अधिकांश मिठाई की दुकानों पर इसकी कमी हो गई है. दो दिन पहले 10,000 रुपये प्रति किलो तैयार की गई सोने की वर्क लगी गुजिया भी मार्केट में मौजूद नहीं है. हालात यह है कि ऑर्डर देने पर यह गुजिया तैयार होती है।
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