हमारे देश भारत में पहली बार ऐसा होगा जब 31 मई को एक साथ सभी ट्रेनों के पहिए थम जाएंगे।अगर रेल मंत्रालय समय रहते नहीं जागा तो पूरे देश के लोगों को इसकी बड़ी समस्या झेलनी पड़ेगी। आपको बता दें कि इसी कारण से सभी स्टेशन मास्टर हड़ताल करने वाले है।
रेलवे की उदासीनता की वजह से देश भर के करीब 35 हजार से अधिक स्टेशन मास्टरों ने रेलवे बोर्ड को एक नोटिस थमा दिया है। इस नोटिस में यह बात साफ कर दिया गया है कि आने वाले 30 मई को रेलवे के सभी स्टेशन मास्टर हड़ताल पर चले जाएंगे।
अगर ऐसा हुआ कि एक साथ सभी स्टेशन मास्टर हड़ताल पर चले गए और देश के सभी रेल गाड़ी के पहिए एक साथ रुक गए तो फिर देश की लाखों आबादी से प्रभावित होगी। अब देखना यह है कि रेलवे यह फैसला पर क्या डिसीजन लेता है।
स्टेशन मास्टर क्यों कर रहे हड़ताल-
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय चंद्रात्रे का कहना है कि सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि अब हमारे पास एक ही विकल्प है और वह है हड़ताल करना। 31 मई को 6000 से अधिक स्टेशन मास्टर हड़ताल पर जा रहे हैं और अगर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया तो हम लोग कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
अपनी मांगों को मनवाने के लिए पहले चरण में एस्मा (AISMA) के पदाधिकारियों ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को ई-मेल भेजकर के विरोध जताया। दूसरे चरण में पूरे देश के स्टेशन मास्टरों ने 15 अक्टूबर 2020 को रात्रि ड्यूटी शिफ्ट में स्टेशन पर मोमबत्ती जला कर विरोध प्रदर्शन किया।
तीसरे चरण का विरोध प्रदर्शन 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2020 तक एक सप्ताह तक चला। उस दौरान स्टेशन मास्टरों ने काला बैज लगा कर ट्रेनों का संचालन किया। चौथे चरण में सभी स्टेशन मास्टर 31 अक्टूबर 2020 को एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहे। पांचवे चरण में हर डिवीजनल हेड क्वार्टर के सामने प्रदर्शन किया। छठवें चर
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