in

मार्बल जड़ाई की कारीगरी प्रथा युगों से जारी है आगरा की गलियों में

Inlay Agra 730x299 - मार्बल जड़ाई की कारीगरी प्रथा युगों से जारी है आगरा की गलियों में

आगरा शहर के सघन, भीड़भाड़ वाले इलाकों में संगमरमर की जड़ाई का जटिल शिल्प काम अभी भी चलन में है। जड़ाई करने वाले कुशल कारीगर अक्सर नई की मंडी, ताज गंज, गोकुलपुरा और अन्य छोटे इलाकों तथा बस्तियों में ताजमहल के आसपास रहना जारी किये हुए हैं। ये कारीगर अब पर्यटकों को बेचने के लिए कलाकृतियों, मूर्तियों, टेबल, स्टूल, बक्सों पर कीमती जड़ाई का काम करना जारी किये हुए हैं। आगरा की बहुत सी गलियां शिल्पकारों, कारखानों के घरों से भरी हुई हैं। इटली से शुरू हुई इस अद्भुत कला को मुगल साम्राज्य के कारीगरों द्वारा समय के साथ महारत हासिल की थी । मुगल भारत में, पिएट्रा-ड्यूरा कला ( इतालवी शब्द ) को पच्चीकारी- के जाना जाता था। इस कला की सबसे शानदार अभिव्यक्ति आगरा का ताजमहल है।

What do you think?

Written by rannlabadmin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GIPHY App Key not set. Please check settings

‘हार मत मानो’: कैंसर की लड़ाई में लड़ने के लिए उत्तरजीवी कहानियां | नोएडा समाचार

गाजियाबाद: हथियार फैक्ट्री का भंडाफोड़, पुलिस ने इसे चुनाव | से जोड़ा गाजियाबाद समाचार