भारतीय रेलवे लगातार विकास के पथ पर अग्रसर दिखाई दे रही है। पंबन ब्रिज के साथ एक इंजीनियरिंग चमत्कार दुनियां को दिखाने की योजना बना रहा है।
आपको बता दें कि सबसे प्रतिष्ठित संरचनाओं में से एक माने जाने वाला महान पंबन कैंटिलीवर पुल मुख्य रूप से मंडपम शहर को पंबन द्वीप और रामेश्वरम से जोड़ता है।
नए पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 m के एक नेविगेशनल स्पैन होंगे। यह समुद्र तल से 22.0 m की नौवहन वायु निकासी के साथ मौजूदा पुल से 3.0 m ऊंचा होगा। मीडिया से बात करते हुए दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक ने जानकारी दिया कि, ‘पुराना पंबन पुल 24 फरवरी, 1914 को चालू किया गया था।
उन्होंने कहा कि इसके लिए 108 साल बीत चुका है और अब नई तकनीकों का सामने आना जरूरी है। इसकी अनुमानित लागत 250 करोड रुपए है।
इस पुल के बारे में जानकारी देते हुए पंबन ब्रिज के डिवीजनल इंजीनियर और इंचार्ज हृदयेश कुमार ने कहा, ‘मौजूदा पुल संरचना की कुल लंबाई 2,058 मीटर है जिसमें स्टील गर्डर्स के 146 स्पैन शामिल हैं। 12.20 मीटर के 145 स्पैन और एक नेविगेशनल स्पैन हैं।
61.0 Miter नेविगेशनल स्पैन को रेलरोड इंजीनियर विलियम शेज़र के नाम पर शेरज़र रोलिंग लिफ्ट स्पैन के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने इसका आविष्कार किया था।’
ग्रेट पंबन ब्रिज World से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। Scherzer रोलिंग स्पैन बेहद खूबसूरती के साथ विस्तारित है और सभी क्रूजर और जहाजों को गुजरने देता है। Scherzer रोलिंग स्पैन दर्शकों के आँखों को आनंद प्रदान करेगा।यहां पर करोड़ों तीर्थयात्री इसी पुल के रास्ते प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर जाते हैं।
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