भारत के कई राज्यों में बिजली संकट खड़ी होने के बाद अब सरकार ने विदेशी कोयला खरीदने का फैसला लिया है। यूपी-बिहार हरियाणा राजस्थान पश्चिम बंगाल समेत भारत के कई राज्यों में मानसून से पहले ही कोयला संकट खड़ा हो गया है जिसके बाद सरकार ने फैसला लिया है कि इस संकट को खत्म करने के लिए विदेश से कोयला खरीदा जाएगा।
सरकार के इस फैसले के बाद कोयला खरीदने के बाद उत्तर प्रदेश में लोगों की बिजली बिल के दरों में ₹1 प्रति यूनिट के हिसाब से बढ़ोतरी हो सकती है।
एक तरफ निजी उत्पादकों ने जहां विदेशी कोयले की खरीद के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है वहीं दूसरी तरफ राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने सरकार को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए इसके लिए मंजूरी मांगी है।
उत्पादन निगम की ओर से शासन को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 10 % विदेशी कोयले की खरीद से प्रदेश के सभी बिजलीघरों पर लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसके साथ ही साथ बिजली बिल में भी बढ़ोतरी की जाएगी।
करेला संकट के नाम पर भारत सरकार के द्वारा उत्तर प्रदेश के साथ साथ सभी राज्यों से विदेशी कोयला खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है। भारत सरकार ने सिर्फ कुछ महीनों के लिए नहीं बल्कि पूरे वर्ष के लिए विदेशी कोयला खरीदने का दबाव बनाया है।
विद्युत उत्पादन निगम की ओर से सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के सभी बिजलीघरों के लिए कराए गए आकलन केअनुसार एक साल में कुल खपत का 10 प्रतिशत आयातित कोयला मंगाने पर लगभग 11,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त भार पड़ेगा। इससे बिजली की उत्पादन लागत में औसतन एक रुपये प्रति यूनिट तक की वृद्धि हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना है कि बिजली विभाग में 85 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बढ़ोतरी की जाएगी।
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