इनमें 3.4 लाख नए वाहन और 2.4 लाख पुराने वाहन शामिल हैं। अभी भी 2.9 लाख वाहन ऐसे हैं जिनमें एचएसआरपी नहीं है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अनिवार्य किया है कि 1 अप्रैल, 2019 से पहले बेचे गए सभी वाहनों में एचएसआरपी स्थापित किए जाएं। इस तारीख के बाद पंजीकृत लोग पहले से ही छेड़छाड़-रहित पंजीकरण नंबर प्लेट से लैस हैं। ये नंबर प्लेट सुरक्षा में सुधार करते हैं और वाहन चोरी पर अंकुश लगाते हैं।
गौतम बुद्ध नगर के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ-प्रशासन) सियाराम वर्मा ने कहा कि परिवहन विभाग एचएसआरपी जनादेश के अनुपालन के लिए प्रवर्तन अभियान चला रहा है। उन्होंने कहा, ‘करीब 2.9 लाख वाहनों में अब भी एचएसआरपी नहीं है। लेकिन उनमें से लगभग 1.5 लाख डीजल से चलने वाले वाहन 10 साल से अधिक पुराने हैं और पेट्रोल से चलने वाले वाहन 15 साल से अधिक पुराने हैं और उन्हें खत्म करने की आवश्यकता है। हम जल्द ही एक अभियान चलाएंगे और उन वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जिन्होंने एचएसआरपी नहीं लगाया है।
बिना एचएसआरपी के चलने वाले वाहनों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे एचएसआरपी के बिना वाहनों के लिए दस्तावेजों की प्रक्रिया नहीं करते हैं।
सेक्टर-20 निवासी मोहित कुमार ने बताया कि पिछले महीने उन्होंने अपनी कार में एचएसआरपी फिट करवाया था।
उन्होंने कहा, ‘हमें सूचना मिली थी कि यातायात पुलिस उन वाहन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जिनके वाहनों में एचएसआरपी नहीं है. इसलिए, मैंने इसे अपनी सात साल पुरानी कार पर लगवाया।
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