न्यायमूर्ति गौरांग कंठ उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि महापौर, जो निर्वाचन अधिकारी भी थे, 24 फरवरी को हुए पिछले चुनाव के परिणाम घोषित किए बिना सोमवार को फिर से चुनाव करा रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि नियमों से कहीं भी यह नहीं पता चलता कि दिल्ली के महापौर के पास स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव को अमान्य घोषित करने का अधिकार है।

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अदालत ने पिछले चुनाव के परिणाम घोषित किए बिना फिर से चुनाव कराने के फैसले को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर निर्वाचन अधिकारी और अन्य को नोटिस जारी किया।

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न्यायाधीश ने कहा, ”दोबारा चुनाव कराने के नोटिस पर सुनवाई की अगली तारीख तक रोक रहेगी।
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