अदालत एक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पुनीत, किसके खिलाफ मजिस्ट्रियल कोर्ट आईपीसी की धारा 429 (मवेशियों को मारना या अपंग करना आदि) के तहत आरोप तय किए गए थे। भारतीय दंड संहिता (IPC)।
तेज गति से बीएमडब्ल्यू कार चला रहे पुनीत ने यहां ट्रैफिक सिग्नल पर एक आवारा कुत्ते को कुचल दिया था। मयूर विहार अभियोजन पक्ष ने कहा कि आठ जून, 2019 को
अदालत ने कहा, ”आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 429 और आदेश के तहत आरोपमुक्त किया जा सकता है… अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपाली शर्मा ने हाल के एक आदेश में कहा, ‘इसे खारिज किया जाता है।
अदालत ने कहा कि आरोप साबित करने के लिए यह स्थापित करना जरूरी है कि आरोपी के पास अपेक्षित इरादा या जानकारी थी और प्राथमिकी से यह स्पष्ट है कि उसकी कार ने गलती से आवारा कुत्ते को मार डाला था।
अदालत ने कहा, ‘प्राथमिकी में ऐसा कोई आरोप नहीं है कि आरोपी ने जानबूझकर या जानबूझकर कुत्ते को मारा या वह उसे मारने के लिए कुत्ते की ओर गया था।’
अदालत ने कहा कि हालांकि आरोपी मुख्य सड़क पर तेज गति से अपनी कार चला रहा था, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि उसने आईपीसी के तहत परिभाषित शरारत करने के लिए कुत्ते को मारा।
मयूर विहार पुलिस स्टेशन ने पुनीत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मार्च 2022 में उनके खिलाफ आरोप तय किए थे।
पुनीत ने आरोप तय करने के मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ सत्र अदालत का रुख किया था।
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