अरोड़ा गुरुग्राम में स्थित बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इस मामले में यह छठी गिरफ्तारी है।
अधिकारियों ने कहा, ”कारोबारी को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत कल रात गिरफ्तार किया गया।
सूत्रों के अनुसार, उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है, जहां एजेंसी उनकी हिरासत मांगेगी।
मनी लॉन्ड्रिंग का ईडी का मामला सीबीआई की एफआईआर से उपजा है।
सीबीआई ने पिछले सप्ताह इस मामले में दायर अपने पहले आरोपपत्र में दावा किया था कि अमित अरोड़ा दो अन्य आरोपियों दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे के साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ‘करीबी सहयोगी’ हैं और आरोपी लोक सेवकों के लिए शराब लाइसेंसधारकों से एकत्र किए गए अनुचित आर्थिक लाभ को ‘प्रबंधित’ करने और ‘डायवर्ट’ करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
ईडी ने पिछले हफ्ते इस मामले में अपना पहला आरोपपत्र (अभियोजन शिकायत) भी दायर किया, जिसमें गिरफ्तार व्यवसायी समीर महंदरू, उनकी कंपनी इंडोस्पिरिट और कुछ अन्य संस्थाओं को नामजद किया गया है।
दोनों एजेंसियों से उम्मीद की जाती है कि वे जांच आगे बढ़ने के साथ अदालत के समक्ष ऐसी और शिकायतें दर्ज करेंगी।
सीबीआई ने दिनेश अरोड़ा को भी इस मामले में सरकारी गवाह बनाया है।
दिनेश अरोड़ा ने मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था और जांच में मदद करने के लिए एक विशेष अदालत ने उन्हें माफी दे दी थी।
सीबीआई ने अगस्त में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद कई स्थानों पर तलाशी ली थी।
यह आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार ने शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने की अपनी नीति से कुछ डीलरों का पक्ष लिया जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी।
इसमें आगे आरोप लगाया गया है कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारक को अनुचित लाभ पहुंचाने, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, मंजूरी के बिना एल -1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित अनियमितताएं की गईं।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा था, ‘यह भी आरोप लगाया गया कि इन कृत्यों के आधार पर अवैध लाभ को निजी पार्टियों ने अपने बही-खातों में गलत प्रविष्टियां करके संबंधित लोक सेवकों को दे दिया।
दिल्ली सरकार में आबकारी विभाग संभालने वाले सिसोदिया के अलावा सीबीआई ने 17 अगस्त को दर्ज प्राथमिकी में तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्णा, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ कारोबारियों और दो कंपनियों को आरोपी बनाया था।
एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि सिसोदिया और अन्य आरोपी लोक सेवकों ने सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और निर्णय लिए।
(पीटीआई से मिली जानकारी के साथ)
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