आप भी अगर ट्रेनों में सफर करते हैं तो आपको रेलवे के कुछ खास नियमों के के बारे में जानकारी होना चाहिए। आपके पास अगर रेलवे के नियमों के बारे में जानकारी होगा तो कोई भी स्टाफ या अधिकारी आपको परेशान नहीं करेगा और आप आसानी से यात्रा कर पाएंगे। आज हम आपको रेलवे के कुछ खास नियमों के बारे में बताने वाले हैं।टीटीई को इस तरह की दिक्कत के लिए जिला मुख्यालय के स्टेशन पर कंट्रोल रूम को सूचित करना होता है.
रेलवे का यह नियम कहता है कि अगर कोई महिला यात्री अकेले ट्रेन में सफर कर रही है तो उसके पास अगर टिकट नहीं भी है तो टीटी उसको नीचे नहीं उतर सकता।भारत में रेलवे के लिए नियम कानून बनाने वाले रेल बोर्ड में तीन दशक पुराने इस कानून को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है।
वास्तव में रेलवे (Indian Railways) के इस कानून के बारे में रेलवे के स्टाफ को भी पता नहीं है। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार अगर कोई महिला अकेले यात्रा कर रही है और उसे कोई स्टेशन पर उतार दिया जाए तो उसके साथ कोई अनहोनी होने की आशंका होती है।
अकेली महिला यात्रियों की सुरक्षा के हिसाब से साल 1989 में यह कानून बनाया गया था।
Indian Railways के मैनुअल के अनुसार अकेले सफर कर रही महिला यात्री के पास टिकट नहीं होने के बाद भी किसी स्टेशन पर नहीं उतारा जा सकता।इसके लिए टीटीई को जिला मुख्यालय के स्टेशन पर कंट्रोल रूम को सूचित करना होता है। आपको बता दें कि उस महिला को दूसरी ट्रेन में टिकट के साथ बिठाने की जिम्मेदारी जीआरपी के महिला कॉन्स्टेबल की होती है।
भारतीय रेल (Indian Railways) ने महिला सशक्तिकरण के लिए पिछले कुछ सालों से काफी प्रयास किए हैं।
इनमें महिला यात्रियों के लिए सुरक्षा, संरक्षा व सुविधा को बेहतर बनाना शामिल है. Indian Railways के रेलवे बोर्ड ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई मोर्चे पर एक साथ काम करने का फैसला किया है। आपको बता दें कि महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह नियम बनाया गया है।
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