गाजियाबाद में साइबर सेल इकाई के प्रभारी सौरभ विक्रम सिंह ने कहा कि कॉल सेंटर से 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में जांच एजेंसियों से कई शिकायतें मिलने के बाद छापेमारी की गई कि विदेशियों को निशाना बनाने के लिए किए गए फोन एनसीआर शहर में आए थे।
सिंह के अनुसार, गिरोह सिस्टम में हैकिंग के बाद वायरस या बग भेजता था। एक बार डिवाइस ने काम करना बंद कर दिया, तो नंबर पॉप हो जाएंगे ऊपर स्क्रीन पर। जब कोई यूजर एक नंबर डायल करता है, तो कॉल गाजियाबाद कॉल सेंटर पर निर्देशित किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘हमारी टीम साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए लगातार काम कर रही है। पिछले कुछ महीनों से विभाग को अमेरिका से कई शिकायतें मिल रही थीं। एक गुप्त सूचना के आधार पर हमने पैसिफिक बिजनेस पार्क में कॉल सेंटर पर छापा मारा और 15 लोगों को गिरफ्तार किया।
कुल 15 मोबाइल फोन, 22 कंप्यूटर सिस्टम, कई पैन और आधार कार्ड और भारतीय और अमेरिकी नागरिकों के चेक की फोटोकॉपी जब्त की गई।
उन्होंने कहा, ”उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी तरीके से या बेईमानी से वास्तविक दस्तावेज का इस्तेमाल करना) और 34 (समान इरादे से कई लोगों द्वारा किया गया कृत्य) और सूचना अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे ज्यादातर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाते थे। वे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में वायरस और बग लगाएंगे। पीड़ितों की स्क्रीन पर एक नंबर उभर आया। उनके सभी कॉल यहां कॉल सेंटर में भेजे जाएंगे।
पुलिस गिरोह के तीन और सदस्यों की तलाश कर रही है, जिनके बारे में उनका मानना है कि उन्होंने साइबर हमलों की योजना बनाई थी।
उन्होंने कहा, ‘कॉल सेंटर पिछले एक साल से चलाया जा रहा था और मास्टरमाइंड लगभग 5 साल से हैकिंग के धंधे में हैं। आरोपियों ने भारत के साथ-साथ अमेरिका में भी सैकड़ों निर्दोष लोगों को धोखा दिया है। माना जाता है कि उन्होंने जो अनुमानित राशि अर्जित की है, वह लगभग 10 करोड़ रुपये है। हमारी टीम आरोपियों के बैंक खातों की जांच कर रही है।
साइबर अपराध हमेशा गजोबाद में पुलिस के लिए चिंता का कारण रहा है। हर बार जब साइबर अपराध की शिकायत होती है, तो गाजियाबाद में पुलिस को अपराध को ट्रैक करने के लिए नोएडा में अपने समकक्षों पर भरोसा करना पड़ता है। गाजियाबाद में साइबर सेल का नेतृत्व अब एक सर्कल अधिकारी कर रहा है और टीम में एक सब-इंस्पेक्टर और कुछ कांस्टेबल शामिल हैं।
उनका काम आसान नहीं है। पुलिस से प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि इस साल गाजियाबाद में रोजाना औसतन लगभग 15 लोग साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।
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