in

काशी पर्यटन के विकास को लगेंगा पंख,पर्यटन के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट में हुआ प्रावधान,जाने क्या होगा बदलाव


काशी में अब पर्यटन को काफी विकास मिलने वाला है और आपका से पर्यटन के विकास होने से रोजगार की संभावनाओं में भी बढ़ोतरी होने वाली है। कल यूपी सरकार ने इतिहास का सबसे बड़ा बजट पास किया और इस बजट में काशी में पर्यटन के विकास और सुंदरीकरण के लिए 100 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार ने पिछली बार भी 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। इससे पंचक्रोशी परिक्रमा, पावन पथ गलियों का विकास किया गया था। इस बार जो धनराशि प्रस्तावित की गई है उसके लिए जनप्रतिनिधियों की तरफ से प्रस्ताव आएंगे।

टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राहुल मेहता ने जानकारी देते हुए कहा कि पहली बार ऐसा बजट पास किया गया है जो पर्यटकों को ध्यान में रखकर किसी राज्य सरकार ने पास किया है।

दशाश्वमेध में टूरिस्ट प्लाजा का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां औद्योगिक क्षेत्र का स्थापना करना होगा।

चाहे तो रिंग रोड फेज टू के किनारे बना सकते हैं। इससे बाहर की बड़ी ब्रांड यहां आएंगी। यहां आने वाले पर्यटक प्रयागराज, अयोध्या और गोरखपुर भी जाते हैं। इसका फायदा काफी मिलता है।

सारनाथ डियर पार्क के रखरखाव में होगा लाभ-

सारनाथ डियर पार्क में वन्यजीवों का प्रबंधन एवं पर्यटक सुविधाओं का विकास होगा। इसके अलावा कुल 3.77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रभागीय वनाधिकारी महावीर कौजलगी ने कहा कि वर्तमान में डियर पार्क, पर्यटकों की सुविधाओं और रखरखाव के लिए बजट दिया गया है।

गंगा पार रेती गुलजार, रिवर फ्रंट योजना होगी साकार-

नव्य, भव्य और दिव्य काशी विश्वनाथ धाम तक पहुंचने के लिए सुलभ मार्ग प्रशस्त करने की रिवर फ्रंट योजना साकार होने की ओर अग्रसर हो गई है। कैबिनेट से मंजूर 26 सौ करोड़ की रिवर फ्रंट योजना को धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने बजट में 500 करोड़ रुपये आवंटित किया है।ऐसे में रामनगर से राजघाट के बीच फोरलेन के साथ ही गंगापार रेती पर पर्यटक सुविधाएं भी विकसित होंगी।

सरकार ने बजट में गंगा और काशी विश्वनाथ के आसपास विकास के साथ सुविधाओं पर पूरा फोकस किया है। बाढ़ के उच्चतम बिंदु के ऊपर से गुजरने वाली 6.8 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए बजट में 500 करोड़ रुपये का आवंटन कर परियोजना की रफ्तार तेज कर दी गई है। कैबिनेट से स्वीकृत परियोजना की अनापत्ति (एनओसी) के लिए वन मंत्रालय, नमामि गंगे और पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति का आवेदन कर दिया गया है।

माना जा रहा है कि जुलाई तक मंत्रालयों से एनओसी मिलने के बाद निविदा जारी कर दी जाएगी। सर्वे का काम पूरा होने के बाद परियोजना की लागत 2600 करोड़ रुपये आंकी गई है। आपको बता दें कि काशी में पर्यटन का विकास होने से पर्यटकों को काफी लाभ मिलेगा।

What do you think?

Written by Jyoti Mishra

Leave a Reply

Your email address will not be published.

GIPHY App Key not set. Please check settings

GPSSB MPHW भर्ती [2022] – ऑनलाइन आवेदन करें

‘पृथ्वीराज’ के कॉस्टयूम बनाने में लगी इतने साल की मेहनत, तब जाकर बन पाई 50,000 पोशाक और 600 पगड़ियां (It Tooks So Many Years Of Hard Work To Make Prithviraj’s Costume, Then Only 50,000 Costumes And 600 Turbans Were Made)