गौतम बुद्ध नगर के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने कहा कि कंपनी के सेक्टर 67 परिसर में सभी दवा उत्पादन और अन्य गतिविधियों को भी पूरी तरह से रोक दिया गया है।
नोएडा पुलिस ने मिलावटी दवाओं के निर्माण और बिक्री के आरोप में कंपनी के तीन वरिष्ठ कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि, एफआईआर में नामित कंपनी के दो निदेशक अभी भी फरार हैं।
उन्होंने कहा, ‘ड्रग लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फार्मास्युटिकल फर्म मैरियन बायोटेक. इसके लिए कागजी कार्रवाई चल रही है और उत्तर प्रदेश सरकार को एक रिपोर्ट भेजी गई है।
उन्होंने कहा, ”कंपनी में सभी उत्पादन जनवरी में ही निलंबित कर दिए गए थे और अब इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
मैरियन बायोटेक उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत की खबरों को लेकर दिसंबर में जांच के दायरे में आया था, जिसके बाद भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मामले की जांच शुरू की और पाया कि 36 में से 22 नमूने मानक गुणवत्ता के नहीं हैं (मिलावटी और नकली)।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उज्बेकिस्तान में हुई मौतों के मद्देनजर मैरियन बायोटेक की दवाओं से संबंधित “चिकित्सा उत्पाद अलर्ट” भी घोषित किया था।
ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि कफ सिरप ‘डोक-1 मैक्स’ सुर्खियों में था, जिसका भारत में कोई घरेलू बाजार नहीं है और यह केवल एक निर्यात वस्तु थी।
(पीटीआई से मिली जानकारी के साथ)
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